अमेरिकी संसद भवन ‘कैपिटल बिल्डिंग’ के 220 साल के इतिहास में बुधवार जैसी घटना पहले कभी नहीं हुई जब निर्वतमान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप समर्थक हजारों दंगाई यहां घुस आए और संवैधानिक दायित्वों के निर्वाह में बाधा पहुंचाने की हर संभव कोशिश की। अमेरिका के लोकतांत्रिक इतिहास में इसे ‘काला दिन’ बताया जा रहा है।

आपको बता दें कि साल 1814 में भी यह इसी तरह की एक हिंसा की गवाह बनी थी। तब इस इमारत में काम-काज की शुरूआत के सिर्फ 14 साल ही साल हुए थे। युद्ध में ब्रिटिश बलों ने इमारत को जला कर बर्बाद कर देने की कोशिश की थी।
इस इमारत पर कई बार बम से भी हमला हुआ, कई बार गोलीबारी हुई। एक बार तो एक सांसद ने दूसरे सांसद की लगभग हत्या ही कर दी थी। तब से अब तक काफी कुछ हो चुका है और कई घटनाओं ने हाउस चैंबर के मंच पर लिखे ‘संघ, न्याय, सहिष्णुता, आजादी, अमन’ जैसे शब्दों के मायने का मजाक बना कर रख दिया है।