सामूहिक नकल के आरोप में डीएवी कॉलेज के 172 एलएलबी छात्रों का भविष्य लटका

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देहरादून में डीएवी पीजी कॉलेज के एलएलबी प्रथम सेमेस्टर के 172 छात्रों पर सामूहिक नकल का आरोप लगा है। विवि ने उनका रिजल्ट तो जारी किया, लेकिन इसमें सी व डी ग्रेड देकर ऐसा बदनुमा दाग लगा दिया, जिसकी बैक परीक्षा या अन्य तरीके से भरपाई का कोई रास्ता नहीं बचा है। 

दरअसल, डीएवी कॉलेज में एलएलबी प्रथम सेमेस्टर का ट्रॉट लॉ (अपकृत्य विधि) का पेपर 13 मई 2022 को हुआ था। परीक्षा का परिणाम आया तो 90 छात्रों के होश उड़ गए। उन पर विवि ने सामूहिक नकल का आरोप लगाते हुए रिजल्ट पर ग्रेड घटा दिए। मामले में छात्रों ने विरोध जताया तो विवि ने दोबारा अपने स्तर से इसका परीक्षण कराया। पता चला कि ऐसे छात्रों की संख्या 172 है। अब विवि ने जो परिणाम जारी किया है, उसमें न तो फेल किया और न ही ऐसे अंक दिए, जिस पर अंक सुधार या बैक परीक्षा दी जा सके। ताउम्र उनकी मार्कशीट में इस विषय पर सी या डी ग्रेड लिखा रहेगा। 

शुक्रवार को भाजपा नेता कर्नल अजय कोठियाल (रिटायर्ड) ने छात्रों की इस समस्या को लेकर कॉलेज प्राचार्य डॉ. केआर जैन से वार्ता की। प्राचार्य ने बताया कि विवि ने इस मामले में जो भी जानकारियां मांगी थी, वह सभी उपलब्ध करा दी गई हैं। उन्होंने कहा कि छात्र हित में आगे जो भी संभव होगा, निर्णय लिया जाएगा।

परीक्षक ने दी रिपोर्ट तो विवि ने लिया एक्शन
गढ़वाल विवि के प्रो. वाइस चांलसर प्रो. आरसी भट्ट ने बताया कि डीएवी की कॉपी जांचने वाले परीक्षक ने कॉपियों के साथ ही अपनी जो रिपोर्ट भेजी, उससे सामूहिक नकल का पता चला। परीक्षक ने इस बात की आशंका जताई है कि सभी छात्रों ने एक जैसा जवाब इंटरनेट से लेकर कॉपी में लिखा है। 

डीएवी की साख और विवि का फैसला भी सवालों में
सामूहिक नकल के आरोप से डीएवी की साख पर सवाल खड़े हो रहे हैं। डीएवी लॉ विभागाध्यक्ष डॉ. पारुल दीक्षित का कहना है कि कॉलेज के स्तर से परीक्षाओं में पूर्ण पारदर्शिता और सख्ती बरती जाती है। कॉलेज प्रशासन के सचल दस्ते लगातार नकलचियों को पकड़ते हैं। एक साथ इतने छात्रों की सामूहिक नकल का सवाल ही पैदा नहीं होता। उधर, विवि का फैसला भी इसलिए सवालों में है कि मामले में छात्रों पर जो कार्रवाई की गई है, उससे उनके कॅरियर पर दाग लग गया है। छात्रों का आरोप है कि इससे वह कभी इस विषय को लेकर कोई सुधार नहीं कर पाएंगे।

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