अदाणी एंटरप्राइजेस की ओर से शेयर बाजार को एफपीओ के बारे में जानकारी दी गई। एफपीओ (FPO) का फुल फॉर्म- फॉलो ऑन पब्लिक ऑफर (Follow-on Public Offer) है। इसके जरिये पहले से शेयर बाजार में लिस्टेडड कंपनियां फंड जुटाने के लिए अपने शेयर बेचने का ऑफर करती हैं।
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24 जनवरी: हिंडनबर्ग नाम की अमेरिकी फर्म ने गौतम अदाणी की अगुवाई वाले समूह की कंपनियों के बारे में एक रिपोर्ट जारी की। रिपोर्ट में अदाणी समूह पर शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी में शामिल होने का आरोप लगाया गया। 24 जनवरी को गौतम अदाणी की नेट वर्थ 126 बिलियन (अरब) डॉलर थी।
25 जनवरी: हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद अदाणी समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट आई। अदाणी की नेटवर्थ घटकर 120 अरब डॉलर हो गई। हालांकि, अदाणी अमीरों की लिस्ट में तीसरे नंबर पर बरकार रहे। अदाणी समूह के सीएफओ जुगशिंदर सिंह ने एक वीडियो संदेश जारी करके डिंडनबर्ग के आरोपों को खारिज कर दिया।
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26 जनवरी: अदाणी समूह ने कहा कि वह अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ कानूनी विकल्पों पर विचार कर रहा है। अमरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि वह अपनी रिपोर्ट पर पूरी तरह कायम है।
27 जनवरी: अदाणी समूह के शेयरों को बिकवाली की वजह से भारी नुकसान उठाना पड़ा। इसकी वजह से गौतम अदाणी की नेट वर्थ में भारी आई। अदाणी दुनिया के पांच सबसे अमीर व्यक्ति की सूची से बाहर हो गए। उनकी संपत्ति 98.1 बिलियन डॉलर रह गई। अदाणी अमीरों की सूची में सातवें नंबर पर पहुंच गए।
29 जनवरी: अदाणी समूह ने हिंडनबर्ग के आरोपों को भारत, इसकी संस्थाओं, देश की विकास की गाथा और इसकी महत्वाकांक्षाओं पर एक सुनियोजित हमला करार दिया। 413 पन्नों के जवाब में अदाणी समूह ने रिपोर्ट में उठाए गए 88 सवालों का जवाब भी दिया।
30 जनवरी: सोमवार को बाजार खुलने के साथ ही अदाणी समूह को एक और तगड़ा झटका। कंपनी के शेयरों में भारी गिरावट जारी रही। गौतम अदाणी की नेट वर्थ 9.9 बिलियन डॉलर की कमी के साथ 88.2 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई।
31 जनवरी: अदाणी समूह की प्रमुख कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज के अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम (एफपीओ) को पूर्ण अभिदान (फुल सब्सक्राइब्ड) मिल गया। 20,000 करोड़ रुपये के एफपीओ को मंगलवार को बिक्री के आखिरी दिन गैर-खुदरा निवेशकों का समर्थन मिला। 4.55 करोड़ शेयरों की पेशकश के मुकाबले 4.62 करोड़ शेयरों की मांग रही। इसका फायदा अदाणी की नेट वर्थ को भी मिला। अदाणी की नेट वर्थ बढ़कर 89.1 बिलियन डॉलर पहुंच गई।
एक फरवरी: रेटिंग एजेंसी क्रेडिट स्विस ने अदाणी ग्रुप के बॉन्ड को मानने से इनकार कर दिया। इसके बॉन्ड की वैल्यू को जीरो कर दिया। बाजार पर इसका बुरा असर पड़ा। अदाणी की नेट वर्थ गिरकर 74.7 बिलियन डॉलर रह गई। अमीरों की सूची में अदाणी 15वें नंबर पर फिसल गए। एक फरवरी की रात को ही अदाणी एंटरप्राइजेज लिमिटेड (एईएल) ने अपने 20,000 करोड़ रुपये के फॉलोऑन पब्लिक ऑफर (एफपीओ) को रद्द कर दिया।
दो फरवरी: एफपीओ वापस लेने के बाद अदाणी समूह के शेयरों में भारी बिकवाली जारी रही। इसके साथ ही अदाणी की संपत्ति में गिरावट भी जारी रही। उनकी नेट वर्थ एक दिन में 10 बिलियन डॉलर से ज्यादा की कमी हुई। अदाणी अमीरों की सूची में 16वें नंबर पर पहुंच गए। उनकी कुल संपत्ति घटकर 64.2 बिलियन डॉलर रह गई।
तीन फरवरी: बाजार खुलने के साथ अदाणी की कंपनी के शेयरों में गिरावट जारी रही। इसके साथ ही उनकी संपत्ति में भी गिरावट होती रही। बाजार खुलने के डेढ़ घंटे में ही अदाणी अमीरों की सूची में 22वें नंबर तक पहुंच गए। हालांकि, दोपहर में रेटिंग एजेंसी मूडीज और फिच की ओर जारी बयानों के बाद का अदाणी के शेयरों पर सकारात्मक असर पड़ा। निचले स्तर से उनकी कंपनी के शेयरों में लगभग 56 फीसदी का सुधार हुआ। इसके चलते अदाणी एक बार फिर टॉप-20 अमीरों की सूची में शामिल हो गए। दिन खत्म होने तक उनकी संपत्ति 16.9 बिलियन डॉलर हो गई। अदाणी अमीरों की सूची में 17वें नंबर पर आ गए।
आगे क्या होगा?
इसे समझने के लिए हमने शेयर मार्केट रिसर्च एक्सपर्ट मनोज ददलानी से बात की। उन्होंने कहा कि अदाणी ग्रुप शेयरों में बिकवाली हिंडनबर्ग की निगेटिव रिपोर्ट के रिएक्शन में है। शुक्रवार को मूडीज और फिच के बयान का भी उनकी कंपनी के शेयरों बेहतर असर पड़ा। उनके पास मजबूत ब्रॉन्ड का डाइवर्सिफाइड पोर्टफोलियो है। अदाणी ग्रुप कंपनियों को लेकर एसबीआई और एलआईसी ने भी चिंता नहीं जताई है, जो एक सकारात्मक संदेश दे रही है। हालांकि, अदाणी की संपत्ति में ये हलचल अभी कुछ दिन जारी रह सकती है।