2000 रुपये के नोट पर बवाल, यहां मिलेगा आपके हर सवाल का जवाब

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2000 रुपये के नोट पर हुए फैसले को लेकर 15 सवालों के जवाब, आपके डाउट को कर देंगे दूर

आरबीआई ने कहा है कि आम लोग 23 मई से अपने 2000 रुपये के नोटों को बैंक में डिपॉजिट कर सकते हैं और उसके बदले में दूसरे नोट भी ले सकते हैं, लेकिन दोनों ही सूरतों में एक बार में यह रकम 20,000 रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.

 रिजर्व बैंक ने शुक्रवार, 19 मई को ऐलान किया कि वह रुपये के नोटों को सर्कूेलशन से वापस ले रहा है. वैसे आरबीआई ने यह भी कहा कि मौजूदा 2,000 रुपये के नोट लीगल टेंडर बने रहेंगे. आरबीआई ने यह भी कहा कि आम लोग 23 मई से अपने 2000 रुपये के नोटों को बैंक में डिपॉजिट कर सकते हैं और उसके बदले में दूसरे नोट भी ले सकते हैं, लेकिन दोनों ही सूरतों में एक बार में यह रकम 20,000 रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. इसके लिए बैंक ने 30 सितंबर तक लास्ट डेट भी तय कर दी है. वैसे इस फैसले को लेकर आपके मन में कई तरह​ के सवाल होंगे. हमने आम लोगों के मन में आने वाले संभावित 15 सवालों के जवाब देने का प्रयास किया है, ताकि आम लोगों के मन में इस फैसले को लेकर कोई डाउट ना रहे.

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सवाल 1 : आरबीआई ने 2,000 रुपये के नोट वापस लेने का फैसला क्यों किया?

भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 24(1) के तहत नवंबर 2016 में 2,000 रुपये के नोट की शुरुआत की गई थी. साल 2016 में 1000 और 500 रुपये के नोटों को लीगल टेंडर की हैसियत से हटाया गया था. इकोनॉमी में करेंसी की जरूरत को पूरा करने के लिए 2000 रुपये के नोट की शुरुआत हुई. उसके बाद साल 2018—19 में आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट की छपाई बंद कर दी. 2000 रुपये के अधिकांश नोट करीब 89 फीसदी साल 2017 से पहले जारी किए गए थे. जिनकी लाइफ अब खत्म होने को हैं. आरबीआई के अनुसार 2000 रुपये के नोट का यूज भी ज्यादा देखने को नहीं मिल रहा है. इसके अलावा, जनता की जरूरत के हिसाब से बाकी वैल्यू के नोटों का स्टॉक पर्याप्त मात्रा में मौजूद है. इन सब बातों के अलावा आरबीआई की क्लीन नोट पॉलिसी को ध्यान में रखते हुए 2000 रुपये के नोटों को सर्कूलेशन से बाहर रखने का फैसला लिया गया है.

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सवाल 2 : क्लीन नोट पॉलिसी क्या है?

आरबीआई यह चाहता है किे आम लोगों के पास बेटर क्वालिटी की नोट पहुंचे और कहीं से खराब और कटा—फटा ना हो, यही आरबीआई की क्लीन नोट पॉलिसी है.

सवाल 3 : क्या 2,000 रुपये के नोट लीगल टेंडर बने हुए हैं?

हां, आरबीआई के फैसले के बाद भी 2,000 रुपये के नोट लीगल टेंडर बने हुए हैं.

सवाल 4 : क्या नॉर्मल ट्रांजेक्शन के लिए 2,000 रुपये का नोट यूज किया जा सकता है?

हां. जनता अपने ट्रांजेक्शन के लिए 2000 रुपये के नोटों का यूज कर सकती है. वह पेमेंट भी ले सकते हैं. हालांकि, उन्हें 30 सितंबर, 2023 को या उससे पहले इन नोटों को बैंक में डिपॉजिट या बदलवाना पड़ेगा.

सवाल 5 : अगर आम लोगों के पास 2000 रुपये का नोट है तो क्या करें?

अगर किसी के भी पास 2000 रुपये का नोट है तो वह 23 मई से 30 सितंबर के बीच में अपने बैंक अकाउंट में डिपॉजिट करा सकता है या फिर किसी भी बैंक में जाकर एक्सचेंज कर सकता है. वैसे एक्सचेंज की फैसिलिटी आरबीआई के 19 रीजनल आॅफिस में भी होगी.

सवाल 6 : क्या बैंक खाते में 2,000 रुपये के नोट जमा करने की कोई लिमिट है?

केवाईसी नियमों और दूसरे सैचुरेटरी एवं रेगुलेटरी नियमों का पालन करते हुए बिना किसी प्रतिबंध के आप अपनी पैसों को बैंक अकाउंट में डिपॉजिट कर सकते हैं.

सवाल 7 : क्या 2,000 रुपये के बैंक नोटों को एक्सचेंज करने की कोई लिमिट है?

जनता एक समय में 20,000 रुपये की लिमिट तक 2,000 रुपये के नोटों को बैंकों में एक्सचेंज कर सकते हैं.

सवाल 8 : क्या 2,000 रुपये के नोटों को बिजनेस कॉरेसपांडेंट्स के के माध्यम से बदला जा सकता है?

हां, अकाउंट होल्डर के लिए प्रति दिन 4,000 रुपये की सीमा तक बिजनेस कॉरेसपांडेंट्स के माध्यम से 2,000 रुपये के नोटों को एक्सचेंज कर सकते हैं.

सवाल 9 : किस तारीख से एक्सचेंज की सुविधा मिलेगी?

बैंकों में आम लोगों को एक्सचेंज की सुविधा 23 मईं 2023 से मिलनी शुरू हो जाएगी. आप आरबीआई के रीजनल दफ्तरों में भी जा सकते हैं जिनकी पूरे देश में संख्या 19 है.

सवाल 10 : क्या बैंक ब्रांचों से 2000 के नोटों को बदलने के लिए बैंक का कस्टमर होना जरूरी है?

नहीं. नॉन अकाउंट होल्डर भी किसी भी बैंक ब्रांच में जाकर एक बार में 20,000 रुपये की लिमिट तक 2,000 रुपये के नोट बदल सकता है.

सवाल 11 : उस स्थिति में क्या होगा अगर बिजनेस या दूसरे उद्देश्य के लिए 20,000 से अधिक कैश की जरुरत पड़े?

अकाउंट में डिपॉजिट बिना किसी प्रतिबंध के किए जा सकते हैं. 2,000 रुपये के नोटों को बैंक अकाउंट में डिपॉजिट किया जा सकता है और उसके बाद इन डिपॉजिट्स को जरुरत के हिसाब से निकाला जा सकता है.

सवाल 12 : क्या एक्सचेंज फैसिलिटी के लिए बैंक को कोई चार्ज देना होगा?

नहीं, सभी बैंकों और आरबीआई के रीजनल दफ्तरों में यह सुविधा में फ्री में दी जाएगी.

सवाल 13 : क्या सीनियर सिटीजंस, दिव्यांग लोगों आदि के लिए एक्सचेंज और डिपॉजिट के अलग से व्यवस्था होगी?

बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे 2,000 रुपये के नोटों को एक्सचेंज/डिपॉजिट कराने वाले सीनियर सिटीजंस, दिव्यांग लोगों की असुविधा को कम करने की व्यवस्था करें.

सवाल 14 : क्या होगा यदि कोई 2,000 रुपये के बैंक नोट को तुरंत डिपॉजिट/एक्सचेंज नहीं होते हैं?

आरबीआई के अनुसार इस प्रोसेस को पूरा करने के लिए आम जनता के पास काफी समय है. आम लोगों के पास 2000 रुपये के नोटो डिपॉजिट या बैंक अकाउंट में जमा करने का चार महीने से ज्यादा का समय दिया है.

सवाल 15 : क्या होगा यदि कोई बैंक 2,000 रुपये के नोट को बदलने/स्वीकार करने/डिपॉजिट करने से मना कर दे?

अगर कोई बैंक ब्रांच ऐसा करता है तो पीड़ित बैंक से संपर्क कर सकता है. यदि बैंक शिकायत दर्ज करने के 30 दिनों के अंदर कोई जवाब नहीं देता है तो या यदि शिकायतकर्ता बैंक द्वारा दिए गए जवाब से संतुष्ट नहीं है, तो शिकायतकर्ता रिजर्व बैंक – इंटीग्रेटिड लोकपाल योजना के तहत आरबीआई के कंप्लेन मैनेज्मेंट सिस्टम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर सकता है.

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2000 रुपये के नोट पर हुए फैसले को लेकर 15 सवालों के जवाब, आपके डाउट को कर देंगे दूर

आरबीआई ने कहा है कि आम लोग 23 मई से अपने 2000 रुपये के नोटों को बैंक में डिपॉजिट कर सकते हैं और उसके बदले में दूसरे नोट भी ले सकते हैं, लेकिन दोनों ही सूरतों में एक बार में यह रकम 20,000 रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए.

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TV9 Bharatvarsh | Updated on: May 20, 2023 | 7:47 AM

भारतीय रिजर्व बैंक ने शुक्रवार, 19 मई को ऐलान किया कि वह रुपये के नोटों को सर्कूेलशन से वापस ले रहा है. वैसे आरबीआई ने यह भी कहा कि मौजूदा 2,000 रुपये के नोट लीगल टेंडर बने रहेंगे. आरबीआई ने यह भी कहा कि आम लोग 23 मई से अपने 2000 रुपये के नोटों को बैंक में डिपॉजिट कर सकते हैं और उसके बदले में दूसरे नोट भी ले सकते हैं, लेकिन दोनों ही सूरतों में एक बार में यह रकम 20,000 रुपये से ज्यादा नहीं होनी चाहिए. इसके लिए बैंक ने 30 सितंबर तक लास्ट डेट भी तय कर दी है. वैसे इस फैसले को लेकर आपके मन में कई तरह​ के सवाल होंगे. हमने आम लोगों के मन में आने वाले संभावित 15 सवालों के जवाब देने का प्रयास किया है, ताकि आम लोगों के मन में इस फैसले को लेकर कोई डाउट ना रहे.

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सवाल 1 : आरबीआई ने 2,000 रुपये के नोट वापस लेने का फैसला क्यों किया?

भारतीय रिजर्व बैंक अधिनियम, 1934 की धारा 24(1) के तहत नवंबर 2016 में 2,000 रुपये के नोट की शुरुआत की गई थी. साल 2016 में 1000 और 500 रुपये के नोटों को लीगल टेंडर की हैसियत से हटाया गया था. इकोनॉमी में करेंसी की जरूरत को पूरा करने के लिए 2000 रुपये के नोट की शुरुआत हुई. उसके बाद साल 2018—19 में आरबीआई ने 2000 रुपये के नोट की छपाई बंद कर दी. 2000 रुपये के अधिकांश नोट करीब 89 फीसदी साल 2017 से पहले जारी किए गए थे. जिनकी लाइफ अब खत्म होने को हैं. आरबीआई के अनुसार 2000 रुपये के नोट का यूज भी ज्यादा देखने को नहीं मिल रहा है. इसके अलावा, जनता की जरूरत के हिसाब से बाकी वैल्यू के नोटों का स्टॉक पर्याप्त मात्रा में मौजूद है. इन सब बातों के अलावा आरबीआई की क्लीन नोट पॉलिसी को ध्यान में रखते हुए 2000 रुपये के नोटों को सर्कूलेशन से बाहर रखने का फैसला लिया गया है.

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सवाल 2 : क्लीन नोट पॉलिसी क्या है?

आरबीआई यह चाहता है किे आम लोगों के पास बेटर क्वालिटी की नोट पहुंचे और कहीं से खराब और कटा—फटा ना हो, यही आरबीआई की क्लीन नोट पॉलिसी है.

सवाल 3 : क्या 2,000 रुपये के नोट लीगल टेंडर बने हुए हैं?

हां, आरबीआई के फैसले के बाद भी 2,000 रुपये के नोट लीगल टेंडर बने हुए हैं.

सवाल 4 : क्या नॉर्मल ट्रांजेक्शन के लिए 2,000 रुपये का नोट यूज किया जा सकता है?

हां. जनता अपने ट्रांजेक्शन के लिए 2000 रुपये के नोटों का यूज कर सकती है. वह पेमेंट भी ले सकते हैं. हालांकि, उन्हें 30 सितंबर, 2023 को या उससे पहले इन नोटों को बैंक में डिपॉजिट या बदलवाना पड़ेगा.

सवाल 5 : अगर आम लोगों के पास 2000 रुपये का नोट है तो क्या करें?

अगर किसी के भी पास 2000 रुपये का नोट है तो वह 23 मई से 30 सितंबर के बीच में अपने बैंक अकाउंट में डिपॉजिट करा सकता है या फिर किसी भी बैंक में जाकर एक्सचेंज कर सकता है. वैसे एक्सचेंज की फैसिलिटी आरबीआई के 19 रीजनल आॅफिस में भी होगी.

सवाल 6 : क्या बैंक खाते में 2,000 रुपये के नोट जमा करने की कोई लिमिट है?

केवाईसी नियमों और दूसरे सैचुरेटरी एवं रेगुलेटरी नियमों का पालन करते हुए बिना किसी प्रतिबंध के आप अपनी पैसों को बैंक अकाउंट में डिपॉजिट कर सकते हैं.

सवाल 7 : क्या 2,000 रुपये के बैंक नोटों को एक्सचेंज करने की कोई लिमिट है?

जनता एक समय में 20,000 रुपये की लिमिट तक 2,000 रुपये के नोटों को बैंकों में एक्सचेंज कर सकते हैं.

सवाल 8 : क्या 2,000 रुपये के नोटों को बिजनेस कॉरेसपांडेंट्स के के माध्यम से बदला जा सकता है?

हां, अकाउंट होल्डर के लिए प्रति दिन 4,000 रुपये की सीमा तक बिजनेस कॉरेसपांडेंट्स के माध्यम से 2,000 रुपये के नोटों को एक्सचेंज कर सकते हैं.

सवाल 9 : किस तारीख से एक्सचेंज की सुविधा मिलेगी?

बैंकों में आम लोगों को एक्सचेंज की सुविधा 23 मईं 2023 से मिलनी शुरू हो जाएगी. आप आरबीआई के रीजनल दफ्तरों में भी जा सकते हैं जिनकी पूरे देश में संख्या 19 है.

सवाल 10 : क्या बैंक ब्रांचों से 2000 के नोटों को बदलने के लिए बैंक का कस्टमर होना जरूरी है?

नहीं. नॉन अकाउंट होल्डर भी किसी भी बैंक ब्रांच में जाकर एक बार में 20,000 रुपये की लिमिट तक 2,000 रुपये के नोट बदल सकता है.

सवाल 11 : उस स्थिति में क्या होगा अगर बिजनेस या दूसरे उद्देश्य के लिए 20,000 से अधिक कैश की जरुरत पड़े?

अकाउंट में डिपॉजिट बिना किसी प्रतिबंध के किए जा सकते हैं. 2,000 रुपये के नोटों को बैंक अकाउंट में डिपॉजिट किया जा सकता है और उसके बाद इन डिपॉजिट्स को जरुरत के हिसाब से निकाला जा सकता है.

सवाल 12 : क्या एक्सचेंज फैसिलिटी के लिए बैंक को कोई चार्ज देना होगा?

नहीं, सभी बैंकों और आरबीआई के रीजनल दफ्तरों में यह सुविधा में फ्री में दी जाएगी.

सवाल 13 : क्या सीनियर सिटीजंस, दिव्यांग लोगों आदि के लिए एक्सचेंज और डिपॉजिट के अलग से व्यवस्था होगी?

बैंकों को निर्देश दिया गया है कि वे 2,000 रुपये के नोटों को एक्सचेंज/डिपॉजिट कराने वाले सीनियर सिटीजंस, दिव्यांग लोगों की असुविधा को कम करने की व्यवस्था करें.

सवाल 14 : क्या होगा यदि कोई 2,000 रुपये के बैंक नोट को तुरंत डिपॉजिट/एक्सचेंज नहीं होते हैं?

आरबीआई के अनुसार इस प्रोसेस को पूरा करने के लिए आम जनता के पास काफी समय है. आम लोगों के पास 2000 रुपये के नोटो डिपॉजिट या बैंक अकाउंट में जमा करने का चार महीने से ज्यादा का समय दिया है.

सवाल 15 : क्या होगा यदि कोई बैंक 2,000 रुपये के नोट को बदलने/स्वीकार करने/डिपॉजिट करने से मना कर दे?

अगर कोई बैंक ब्रांच ऐसा करता है तो पीड़ित बैंक से संपर्क कर सकता है. यदि बैंक शिकायत दर्ज करने के 30 दिनों के अंदर कोई जवाब नहीं देता है तो या यदि शिकायतकर्ता बैंक द्वारा दिए गए जवाब से संतुष्ट नहीं है, तो शिकायतकर्ता रिजर्व बैंक – इंटीग्रेटिड लोकपाल योजना के तहत आरबीआई के कंप्लेन मैनेज्मेंट सिस्टम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कर सकता है.

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