सूरजमल कॉलेज के सुरक्षा गार्ड मौसमी लाल की जान उसकी पत्नी ही लेना चाहती थी। उसी ने अपने प्रेमी और भाड़े के शूटरों की मदद से पति पर फायर झोंका था। पुलिस और एसओजी की टीम ने पत्नी, प्रेमी और दोनों दोनों शूटरों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। फायरिंग में इस्तेमाल किए गए दोनों तमंचे भी बरामद कर लिए हैं। शूटरों को 80,000 रुपये की सुपारी दी गई थी।
शनिवार को कोतवाली में एएसपी अपराध मनोज कुमार कत्याल ने इस मामले का खुलासा किया। उन्होंने कहा कि 23 मई की रात 9:15 बजे खुरपिया गांव में अज्ञात लोगों ने सुरक्षा गार्ड मौसमी लाल को जान से मारने की नीयत से गोली मारकर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। मौसमी के भाई ललित कुमार की तहरीर पर केस दर्ज किया गया था।
पुलिस और एसओजी टीम ने सर्विलांस और सीसीटीवी फुटेज की मदद से मौसमी की पत्नी चंदा और जितेंद्र निवासी खुरपिया, युवराज और अभय ठाकुर निवासी बंडिया भट्टा को गिरफ्तार किया। इस मौके पर सीओ ओम प्रकाश शर्मा, कोतवाल धीरेंद्र कुमार, एसएसआई सुनील सुतेड़ी आदि मौजूद थे। एएसपी ने पुलिस टीम को 1500 इनाम देने की घोषणा की है।
बीस साल छोटे प्रेमी से इश्क कर अपना ही घर तबाह किया
मौसमी की पत्नी चंदा ने अपनी उम्र से बीस साल छोटे युवक से प्रेम की पींगे बढ़ाई और फिर अपने आशिक के साथ मिलकर अपने ही पति की हत्या की साजिश रच डाली। चार बच्चों की मां ने खुद ही अपना परिवार तबाह कर लिया।
चंदा का विवाह बीस साल पहले मौसमी के साथ हुआ। उसकी एक बेटी और तीन बेटे हैं। बड़ा बेटा 16 वर्ष का है। सात साल पहले वह अपने घर के पास ही किराने की दुकान चलाने वाले जितेंद्र के संपर्क में आई। इसके बाद दोनों की अक्सर मुलाकात होने लगी तो धीरे धीरे यह बात गांव में फैलने लगी। जब इसकी जानकारी पति मौसमी को हुई तो घर पर क्लेश होने लगा। बताते हैं कि अक्सर घर पर इस बात को लेकर झगड़ा होने लगा तो चंदा अपने घर की बातें जितेंद्र को बताने लगी।
सात साल से चल रहा था प्रेम प्रसंग
एएसपी ने बताया कि चंदा पहले पुलिस को गुमराह कर रही थी। उसके पास से एक मोबाइल मिला जिसके बारे में घर के किसी अन्य सदस्य को पता नहीं था। एएसपी ने बताया कि उसका गांव के ही जितेंद्र कुमार के साथ सात वर्ष से प्रेम प्रसंग चल रहा था। चंदा ने जितेंद्र से कहा कि कितने भी रुपये लग जाए मौसमी लाल को रास्ते से हटाना है। जितेंद्र ने इसके लिए बंडिया निवासी युवराज सिंह उर्फ लूसिफर और अभय ठाकुर से बात कर 80,000 रुपये में मौसमी लाल की हत्या करने की सुपारी दी।
ऐसे रची गई साजिश
एएसपी के अनुसार घटना से 20 दिन पहले चंदा ने अपना एटीएम कार्ड जितेंद्र को दिया और कहा कि इसमें से पैसे निकालकर शूटरों को दे देना। 23 मई की रात उसने पति के साथ घूमने के लिए जाना और शूटरों का वहां पहुंचना तय कर लिया था। बताया कि चंदा ने टार्च की रोशनी से शूटरों को इशारा किया तब शूटर युवराज और अभय ठाकुर ने मौसमी लाल के पास जाकर गोली मार दी और फरार हो गए।
ये हुई बरामदगी
एएसपी ने बताया कि अभय और युवराज को एक तमंचा जितेंद्र ने दिया था दूसरा तमंचा युवराज के पास पहले से ही था। पुलिस ने युवराज सिंह और अभय ठाकुर के कब्जे से दो तमंचे, एक-एक खोखा कारतूस और घटना में प्रयुक्त बाइक, दो एटीएम, युवराज से 25000 रुपये, अभय से 16,000 रुपये नकद बरामद कर लिए हैं।
दोस्तों को ही लालच देकर बना दिया शूटर
किच्छा। जितेंद्र किसी ऐसे व्यक्ति की तलाश करने लगा जो मौसमी लाल को मार सके। ऐसे में जितेंद्र को अपने दो उन दोस्तों की याद आई जो कुछ साल पहले उसके साथ एक कंपनी में नौकरी करते थे। जितेंद्र ने अभय ठाकुर और युवराज से संपर्क किया। दोनों को मौसमी की हत्या करने के बदले अस्सी हजार रुपये तय कर लिए। इसके बाद हत्या की साजिश रची।