बाढ: बागपत में यमुना का तटबंध टूटा, हस्तिनापुर में बढ़ी `चिंता … किसानों की हजारों बीघा फसल पानी में …टापू पर फंसे भूखे-प्यासे लोग …

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पहाड़ों पर हो रही बारिश के कारण नदियों का जलसतर बढ़ गया है। बागपत में यमुना नदी उफान पर है। वहीं गुरुवार को बढ़े जलस्तर के कारण यमुना का तटबंध टूटने से कई गांवों में पानी घुस गया। वहीं किसानों की हजारों बीघा फसल पानी में डूब गई। तेज रफ्तार से पानी गांवों की तरफ बह रहा है। स्थिति चिंताजनक बताई जा रही है।
 
तटबंध टूटने का पता चलते ही सुभानपुर व अलीपुर में अफरा-तफरी मच गई और ग्रामीण उसे रोकने के लिए तटबंध के पास पहुंचे। लेकिन वहां तटबंध काफी चौड़ाई तक टूटा हुआ था, जिससे वह बंद नहीं किया जा सका। इसकी सूचना प्रशासन को दी गई तो एडीएम व अन्य अधिकारी वहां पहुंचे और वहां तटबंध ठीक करने के लिए पोकलेन मशीन मंगवाई गई है। हालांकि अभी यमुना का पानी गांव की तरफ लगातार बह रहा है, जिसे जल्द ही नहीं रोकने पर हालात काफी बिगड़ सकते हैं।

बिजनौर बैराज से फिर 2 लाख क्यूसेक के नजदीक पहुंचा गंगा का जलस्तर
बिजनौर बैराज से 4:00 बजे आई रिपोर्ट के आधार पर गंगा का जलस्तर 1लाख 97 हजार क्यूसेक पर पहुंच गया है, जिससे हस्तिनापुर के फतेहपुर प्रेम के समीप कच्चे तटबंध को बचाना क्षेत्र के लोगों और प्रशासन के लिए चुनौती बन रहा है। यहां पर लगातार काटन हो रहा है और सैकड़ों लोग इसे रोकने की कोशिश में है लेकिन लगातार बढ़ रहा जलस्तर परेशानियों को बढ़ा रहा है।

घरों में घुस रहा बाढ़ का पानी
क्षेत्र के गांव किशनपुर में घरों में पानी भर गया है। साथ ही गंगा पार खेड़ी में भी लोगों के घरों में पानी भर गया है, जहां उनका आवागमन भी पूरी तरह बंद होता नजर आ रहा है। लोगों को यहां खाने-पीने से लेकर आर्थिक परेशानियों से भी जूझना पड़ रहा है। उनका कहना है कि आवागमन बंद होने से अब जरूरी वस्तुएं जुटाना मुश्किल हो रहा है। हालांकि लगातार गांव की ओर बढ़ रहा पानी शाम तक और कई गांव की हालत को और नाजुक बनाएगा। उधर कई गांव के संपर्क मार्ग पूरी तरह जलमग्न हो गए हैं, जिन से गुजरना किसी बड़े खतरे से कम नजर नहीं आ रहा है।

पर्वतीय क्षेत्रों में हुई भारी बारिश के चलते नदियों का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया है। जिसके चलते बिजनौर जनपद के दर्जनों गांवों का संपर्क बढ़ापुर से कट गया है। वहीं नकटा नदी के पानी से कस्बे के मोहल्ला भजड़ावाला में लगातार भूमि कटान जारी है। खेतों में घुसे नदी के पानी से फसलें भी नष्ट हो गई हैं।

क्षेत्र में लगातार तेज वर्षा होने के कारण जनजीवन अस्तव्यस्त हो गया है। वहीं पर्वतीय क्षेत्र में हुई भारी वर्षा के चलते क्षेत्र की नदियां ऊनी, पहाड़ा, खो व नकटा नदी का जलस्तर खतरे के निशान से ऊपर पहुंच गया। इन नदियों का जलस्तर बढ़ने और तीव्र जल प्रवाह के कारण बढ़ापुर इलाके का संपर्क दर्जनों गांवों पूरी तरह कट गया है।

नगर पंचायत और तहसील प्रशासन के द्वारा भूमि कटान और पानी रोकने के सारे प्रयास बेकार हो गए हैं। मोहल्ला भजड़ावाला में नदियों के पानी से कई मकान और झोपड़ियां बह गईं। खेतों में खड़ी फसल भी पानी में डूब गई है। जिससे किसानों को काफी नुकसान हुआ है। साथ ही खेतों में सब्जियां भी खत्म होने की कगार पर है।

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