तीर्थनगरी हरिद्वार में महाशिवरात्रि से पहले गंगा में फेका मांस, तनावपूर्ण माहौल में पुलिस तैनात

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हरिद्वार के ज्वालापुर स्थित गंगा घाट पर स्वच्छता अभियान के दौरान स्पर्श गंगा टीम के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं को लगातार दूसरे दिन भी मांस मिला। इसे लेकर स्पर्श गंगा टीम के सदस्यों ने हंगामा किया। मामले की जानकारी मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और स्थिति को संभाला।

एक दिन पूर्व शनिवार को स्पर्श गंगा टीम के पदाधिकारियों, कार्यकर्तांओं को सफाई करने के दौरान मांस मिला था। जिसे लेकर टीम के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने हंगामा भी किया था। रविवार को भी सफाई के दौरान एक बार फिर मांस मिला। इस प्रकरण को लेकर स्पर्श गंगा टीम के पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया। मामले की जानकारी पाकर पुलिस भी मौके पर पहुंची।

मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए पुलिस ने सरकारी पशु चिकित्सालय से पशु चिकित्सकों की टीम को मौके पर बुला लिया। डॉक्टरों की टीम ने मांस के नमूने लेकर जांच के लिए प्रयोगशाला भेज दिया।

गंगा में नालों के सहारे बड़ी मात्रा में मांस बहाया जा रहा है

घटना की जानकारी नगर आयुक्त नितिन भदौरिया व एसडीएम मनीष सिंह को भी दे दी गई है। दोनों अफसरों ने इस प्रकरण में जांच कर तत्काल कार्रवाई का आश्वासन दिया है।

दूसरी ओर स्पर्श गंगा टीम के संयोजक शिखर पालीवाल का कहना है कि गंगा में नालों के सहारे बड़ी मात्रा में मांस बहाया जा रहा है।

कई बार शिकायत करने के बावजूद अधिकारी सुध नहीं ले रहे हैं। उन्होंने कहा कि महाशिवरात्रि पर्व के मौके पर लाखों की संख्या में शिव भक्त कांवड़िए गंगा घाटों पर स्नान करते हैं और गंगाजल लेकर जाते हैं ।

पीएम मोदी, पीएमओ तक पहुंचा मामला

दूसरी ओर अब यह मामला पीएम मोदी तक पहुंच गया है। समाजसेवी मनीष गुप्ता ने इस संबंध में पीएम मोदी के साथ ही कैबिनेट मंत्री मदन कौशिक, जिलाधिकारी दीपक रावत और एसएसपी कृष्ण कुमार वीके को प्रकरण से अवगत कराते हुए गंगनहर में मांस फेंकने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है। समाजसेवी मनीष गुप्ता का कहना है कि प्रशासन को स्वत: संज्ञान लेकर कार्रवाई करनी चाहिए।

ज्वालापुर में धड़ल्ले से संचालित है मांस की दर्जनों दुकानें
सूत्रों की मानें तो ज्वालापुर और आसपास के इलाकों में मांस की दर्जनों दुकानें बिना अनुमति के संचालित की जा रही है। नगर निगम या फिर स्वास्थ्य विभाग की ओर से इन दुकानों के संचालन की कोई अनुमति नही दी गई है। इन दुकानों के अवैध संचालन को लेकर तमाम संबंधित विभागों के अफसरों, कर्मचारियों की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। इतना ही नहीं लोगों ने हरिद्वार के साथ ही ज्वालापुर क्षेत्र को भी ड्राई एरिया घोषित करने की मांग की है।

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