अयोध्या में मंदिर का समर्थन करने पर बर्खास्त हुए नदवी बोले, AIMPLB में तानाशाही

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ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए मस्जिद हटाने का सुझाव देने वाले सैयद सलमान हुसैन नदवी को बोर्ड से रविवार को निकाल दिया। बोर्ड ने कहा कि बाबरी मस्जिद अनंत काल तक मस्जिद ही रहेगी। इस पर कोई समझौता नही किया जाएगा। इसे फिर बनाने की कानूनी लड़ाई जारी रहेगी।

ये था पूरा मामला- अयोध्या मुद्दा: बाबरी मस्जिद दूसरी जगह शिफ्ट करने पर मुस्लिम नेता सहमत

हैदराबाद में सम्मेलन के बाद बोर्ड के सदस्य कासिम रसूल इलियास ने नदवी को कार्यकारिणी से बर्खास्त किए जाने की जानकारी दी। उन्होंने कहा, बोर्ड बाबरी मामले में पुराने रुख पर कायम है कि मस्जिद को न शिफ्ट किया जा सकता है और न जमीन को गिफ्ट या बेचा जा सकता है। नदवी बोर्ड के खिलाफ बोल रहे हैं, इसलिए अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई है। नदवी ने श्रीश्री रविशंकर के साथ बंगलुरू में बैठक के बाद कहा था कि अयोध्या में विवादित स्थल से 200 किमी दूर मस्जिद बने तो दिक्कत नहीं है। बोर्ड ने एक साथ तीन तलाक पर केंद्र के बिल को संविधान और शरिया के खिलाफ बताया। कहा, इससे महिलाओं की मुश्किलें ज्यादा बढ़ जाएंगी।

वहीं, सलमान नदवी ने बर्खास्तगी पर कहा, बोर्ड में कुछ लोगों की तानाशाही चल रही है। अब इसका कोई औचित्य नहीं रह गया है। इसकी जगह शरीयत एप्लीकेशन बोर्ड बनाना चाहिए। मैंने पहले ही बोर्ड से खुद को अलग कर दिया था। सुलह के लिए साधु-संतों से मिलने अयोध्या भी जाऊंगा।

नदवी ने ये भी कहा कि शुक्रवार को हैदराबाद में बोर्ड की मीटिंग में उन्हें बोलने तक नहीं दिया गया। बोर्ड के सदस्य कमाल फारुकी व कासिम रसूल इलियास ने जमकर हंगामा मचाया। इन दोनों पर भी कार्रवाई होनी चाहिए।

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