गैरसैंण स्थाई राजधानी घोषित करने को लेकर धरना

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देहरादून, प्रदेश की स्थायी राजधानी गैरसैंण को घोषित किये जाने की मांग को लेकर उत्तराखंड क्रांति दल की महानगर इकाई द्वारा कचहरी परिसर स्थित शहीद स्मृति स्थल में प्रदर्शन करते हुए धरना दिया गया। यूकेडी का कहना है कि सरकार ने यदि इस दिशा में शीघ्र कदम नहीं उठाया तो सड़कों पर उतरकर जनांदोलन किया जायेगा।
यहां दल के कार्यकर्ता महानगर अध्यक्ष संजय क्षेत्री के नेतृत्व में कचहरी स्थित शहीद स्थल पर इकट्ठा हुए और प्रदेश की स्थायी राजधानी गैरसैंण को घोषित किये जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन करते हुए धरना देते हुए धरना दिया। कार्यकर्ताओं ने क्रमिक अनशन की भी शुरुआत कर दी। दल के कार्यकर्ताओं का कहना है कि 20 मार्च को उत्तराखंड क्रांति दल द्वारा गैरसैंण को स्थाई राजधानी घोषित करने की एक सूत्रीय मांग को लेकर गैरसैंण में आयोजित होने वाले विधानसभा सत्र के दौरान विधानसभा घेराव का आह्वान किया गया है। इस अवसर पर महानगर अध्यक्ष संजय क्षेत्री ने बताया कि 1979 से ही पृथक राज्य की मांग के शुरुआती दिनों से ही प्रदेश की जनता गैरसैंण को स्थाई राजधानी बनाने की मांग करती रही है। यूकेडी के स्वर्गीय विपिन त्रिपाठी द्वारा 1992 में उत्तरायणी मेले के दौरान राजधानी का ब्लू प्रिंट जारी करते हुए गैरसैंण मे चंद्रनगर को राजधानी घोषित किया गया था। किंतु राष्ट्रीय पार्टियों के छलावे के कारण आज तक उत्तराखंड की जनता स्थाई राजधानी से महरूम है। वर्तमान में भी उत्तराखंड क्रांति दल के साथ राज्य के अनेक सामाजिक संगठन गैरसैंण को तत्काल स्थाई राजधानी बनाए जाने की मांग को लेकर आंदोलनरत हैं। इस अवसर पर वरिष्ठ नेता लताफत हुसैन ने कहा कि यह राष्ट्रीय पार्टियों का अहंकार और प्रदेश का दुर्भाग्य है कि जहां एक और प्रदेश की जनता पर्वतीय क्षेत्रों के विकास के लिए गैरसैंण को राजधानी बनाए जाने के लिए सड़कों पर आंदोलन कर रही है। वहीं पर प्रदेश सरकार पहाड़ों के विकास के बजाय सहारनपुर और बिजनौर को उत्तराखंड में शामिल करके पर्वतीय राज्य की अवधारणा समाप्त करने का कुचक्र रच रही है।आज के धरने व क्रमिक अनशन में महानगर अध्यक्ष संजय क्षेत्री, संरक्षक बी डी रतूड़ी, केंद्रीय प्रवक्ता शांति प्रसाद भट्ट, हरीश पाठक, ओमी उनियाल, मानवेंद्र सिंह रांगड़ , बिलास गौड, अमरदीप विश्वकर्मा, सुनील ध्यानी, बहादुर सिंह रावत, वीरेंद्र बिष्ट, राजेंद्र सिंह बिष्ट, रामेश्वरी चैहान, माहेश्वरी देवी, कैलाश राणा, डी एन टोडरिया, अर्जुन रावत, सुशील ममगांई, अशोक नेगी, वेद प्रकाश शर्मा, विजय क्षेत्री, ललित कुमार, यशवंत रावत, विमल रौतेला, आनंद सिलमाना, राजेश्वरी रावत,विजय क्षेत्री, रघुवीर सिंह आदि शामिल थे।

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