उत्तराखंड में अब जल्द ही टाइगर रिजर्व की सीमा से लगे वन क्षेत्रों को भी फंडिंग हो सकती है. इस बारे में राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण गंभीरता पूर्वक विचार कर रहा है. प्राधिकरण के अधिकारियों की यदि मानें तो टाइगर रिजर्व से लगे कई वन प्रभागों में बाघ की अच्छी संख्या है, लेकिन इन वन प्रभागों के पास इन बाघों की सुरक्षा के उतने पुख्ता इंतजामात नहीं हैं. यही वजह है कि इन वन प्रभागों में हमेशा बाघों के शिकार का खतरा बना रहता है.
इन वन प्रभागों को एनटीसीए द्वारा फंडिंग किये जाने पर विचार चल रहा है और जिसके सार्थक परिणाम निकलने की उम्मीद की जा रही है. यदि ऐसा हुआ तो कार्बेट टाइगर रिजर्व से लगे कई वन प्रभागों को भी इसका लाभ मिलेगा, जिससे वहां बाघ की सुरक्षा बढ़ाई जा सकेगी