उत्तराखंड क्रांति दल द्वारा आज जनादेश अपमान दिवस मनाए जाने की प्रशासन को पूर्व सूचना देने के बाद कार्यक्रम स्थल गांधी पार्क के समक्ष कार्यक्रम में व्यवधान डालने की सरकार की मंशा से रेत बाजरी डलवाए जाने के बावजूद आज दिनांक 18 मार्च 2018 दिन रविवार को उत्तराखंड क्रांति दल महानगर इकाई द्वारा उत्तराखंड राज्य में भाजपा की जनविरोधी सरकार के गठन होने के 1 वर्ष पूर्ण होने पर गांधी पार्क के समक्ष जनादेश अपमान दिवस मनाया। आज प्रातः 11:00 बजे यूकेडी कार्यकर्ता बड़ी संख्या में गांधी पार्क के समक्ष एकत्रित हुए तथा पिछले 1 वर्षों से सरकार द्वारा लिए गए जन विरोधी निर्णय तथा सरकार की काली करतूतों को धरने के माध्यम से उजागर किया। इस उपलक्ष में वरिष्ठ नेता लताफत हुसैन ने कहा कि भाजपा सरकार को आज के दिन स्वीकार करना चाहिए कि उनकी सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हुई है। केंद्रीय महामंत्री श्री जय प्रकाश उपाध्याय ने कहा कि उत्तराखंड को मध निषेध बनाने की घोषणा पत्र लेकर सत्ता पर प्रचंड बहुमत के सहारे काबिज होने वाली राज्य सरकार चेहरा तब उजागर हुआ जब सत्ता संभालते ही पहला जन विरोधी निर्णय लेते हुए उत्तराखंड के चार धाम वाले 3 जिलों पर उच्च न्यायालय द्वारा शराब बंदी लागू करने के फैसले के खिलाफ प्रदेश सरकार शराब माफियाओं के पक्ष में पैरवी करते हुए सर्वोच्च न्यायालय से स्थगन आदेश ले आई तथा आबकारी से प्राप्त होने वाले राजस्व लक्ष्य को 300 करोड़ की बढ़ोतरी करते हुए राष्ट्रीय राजमार्गों को जिला मार्ग घोषित करके गांव गांव में शराब की दुकान खुलवाने में सफल रही है। महानगर अध्यक्ष संजय क्षेत्री ने धरने को संबोधित करते हुए कहा कि भूमाफियाओं को भू अध्यादेश से मुक्ति दिलाने के लिए प्रदेश सरकार द्वारा स्थानीय निकायों का जबरन सीमा विस्तार किया गया। इसके तहत स्थानीय निकायों से लगते हजारों गांवों का वजूद समाप्त करते हुए उन्हें शहरी क्षेत्र घोषित कर दिया। सरकार के इस फैसले से जहां जनता को ग्रामीण क्षेत्रों में मिलने वाले जनहित के अधिकार समाप्त हुए वहीं भू-माफियाओं को गांव के समाप्त होने से ग्रामीण क्षेत्रों में लागू होने वाले भू अध्यादेश से निजात मिल गयी अब भूमाफिया कृषि भूमि तथा वन भूमि को खुर्द-बुर्द करने को स्वतंत्र हैं। तेज तर्रार नेता शांति प्रसाद भट्ट ने बेरोजगारों की तरफ से सरकार पर मोर्चा खोलते हुए कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने में पूर्ण रूप से असफल रही है।प्रदेश के विभिन्न विभागों कि रिक्त पदों को सरकार भरने में असफल रही है जबकि लाखों की संख्या में युवा बेरोजगार भाजपा महानगर कार्यालय के बगल में ही स्थित धरना स्थल पर रोजगार की मांग को लेकर धरने पर बैठने को मजबूर है।सरकार की रोजगार विरोधी नीतियों का आलम यह है कि बेरोजगार तो बेरोजगार बल्कि स्वरोजगार से जीवन यापन करने वाले कारोबारी तक भाजपा के कार्यालय में पहुंचकर जान देने को मजबूर हो चुके हैं।हल्द्वानी के ट्रांसपोर्टर दिवंगत प्रकाश पांडे इसका उदाहरण हैं।
आज के दिन को जनादेश अपमान दिवस के रुप में मनाते हुए उक्रांद नेताओं ने एक बार फिर संकल्प लिया कि राज्य की हर लड़ाई में अंतिम सांस तक डटकर संघर्ष करेंगे। धरने पर मुख्य रुप से लताफत हुसैन, जय प्रकाश उपाध्याय, शांति प्रसाद भट्ट, संजय क्षेत्री, सुनील ध्यानी, सुशील मंमगाई ,बिलास गौड, इमरान अहमद, विक्रम खत्री्, धीरेंद्र बिष्ट ,विजय कुमार, ललित कुमार, -गौरव, ,ललित कुमार ,रूबी खान ,नजमा, पंकज उनियाल आदि शामिल थे।