हिंसा की आग में जले कासगंज में सोशल मीडिया के बाद अब मीडिया पर अंकुश

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कासगंज (जेएनएन)। गणतंत्र दिवस पर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के साथ अन्य हिंदू संगठन की तिरंगा यात्रा पर हमले के बाद हिंसा की आग में जले कासगंज में सोशल मीडिया के बाद अब मीडिया पर भी अंकुश लगाया गया है। यहां पर इंटरनेट सेवा को ठप करने के बाद अब समाचार पत्रों का वितरण रोक दिया गया है। इस बाबत जिलाधिकारी कोई ठोस तर्क नहीं दे पा रहे हैं।

दो दिन से हिंसा की आग में जल रहे कासगंज में कल शाम से इंटरनेट सेवा ठप करने के बाद आज सुबह पुलिस ने अखबार की गाडिय़ों को भी जिले की सीमा पर ही रोका। इसके बाद किसी तरह से गाडिय़ों को शहर में तो प्रवेश दिया गया, लेकिन समाचार पत्रों का वितरण नहीं होने दिया गया। यहां पर गाडिय़ों में अखबार बंद ही पड़े हैं। इसके साथ ही कल से यहां पर आ रही ट्रेन से असमाजिक तत्वों के आने की खुफिया सूचना पर भी रेलवे पुलिस हाई अलर्ट पर है। कल से ही शिकोहाबाद-कासगंज के साथ ही कानपुर-कासगंज पैसेंजर और लखनऊ-जयपुर एक्सप्रेस में की सघन चेकिंग की जा रही है। यहां शहर के सभी प्रमुख स्थानों पर आइपीएस अफसरों को तैनात किया गया है।

इस बीच जिलाधिकारी आर पी सिंह ने कहा कि हिंसा प्रभावित क्षेत्र में इंटरनेट सेवाएं 28 जनवरी रात दस बजे तक बंद कर दी गई हैं। जिससे कि ताकि सोशल मीडिया के जरिए फैलने वाली अफवाहों को रोका जा सके। शहर में कल हिंसा फैलने के बाद लगा दिया गया था।

कल भी हिंसा जारी रही। उपद्रवियों ने तीन दुकानों, दो निजी बसों और एक कार को आग के हवाले किया। हिंसा के कारण हुई क्षति के बारे में अपर पुलिस महानिदेशक (कानून व्यवस्था) आनंद कुमार ने बताया कि तीन दुकानों में तोडफ़ोड़ की गई है। उनके शटर के नीचे पेट्रोल डालकर आग लगा दी गई। दो निजी बसों में भी पेट्रोल छिड़ककर आग लगा दी गई। एक खाली पड़े मकान को भी असामाजिक तत्वों ने आग के हवाले कर दिया। कल शाम को उपद्रवियों ने एक खाली खड़ी कार को भी आग लगा दी।

अब यहां पर आगरा जोन के अपर पुलिस महानिदेशक, अलीगढ़ के मंडलायुक्त, अलीगढ़ रेंज के पुलिस महानिरीक्षक कल से ही मौके पर हैं। पुलिस महानिरीक्षक स्तर के अधिकारी डी के ठाकुर को लखनऊ से मौके पर भेजा गया है। वह भी वहां मौजूद हैं। पीएसी की पांच कंपनियां और रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) की एक कंपनी कल ही कासगंज पहुंच गई है। जोन से अतिरिक्त सिविल पुलिस अधिकारी एवं अन्य पुलिसकर्मी भी पहुंच गए हैं। आरएएफ की एक और कंपनी मौके पर भेज दी गई है। जिले की सीमाएं सील कर दी गई हैं। ताकि शांति भंग करने का प्रयास करने वालों को शहर में प्रवेश से रोका जा सके।

शांति बहाल करने की कोशिशें नाकाम

मथुरा-बरेली हाइवे पर कल उपद्रवियों ने कई रोडवेज की बसों और ट्रकों में आग लगा दी। बताया जा रहा है कि उपद्रवी पेट्रोल बम लेकर घूम रहे थे। पेट्रोल बम से ही आगजनी की गई। उपद्रवियों ने सड़क पर वाहनों में जमकर तोड़फोड़ की। लोगों में इस घटना को लेकर काफी आक्रोश है। कर्फ्यू के बावजूद कासगंज में हिंसा जारी है। बीजेपी सांसद राजवीर सिंह ने भी भीड़ में जाकर विवाद को बढ़ाने का काम किया और कहा कि हमारा लड़का मारा गया है और उसकी हत्या करने  वालों को माफ़ नहीं किया जायेगा।

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