किशोर उपाध्याय डालनवाला थाने में गिरफ्तारी देने पहुंचे। इस दौरान भारी संख्या में कांग्रेस कार्यकर्ता भी थाने के बाहर जमा हो गए। आरोप है कि पिछले दिनों पुलिस उनके घर पर नॉन बेलेबल वारंट लेकर उन्हें गिरफ्तार करने पहुंची थी। जबकि उक्त मामले में उपाध्याय पहले ही जमानत करा चुके थे। किशोर उपाध्याय ने सरकार पर जानबूझकर परेशान करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मैं कानून का सम्मान करता हूं और इसलिए समय से जमानत भी कराई थी। ये भी आरोप लगाया कि पुलिस उनके घर वारंट लेकर नहीं बल्कि दबिश देने गयी थी। ये पुलिस की प्रक्रिया में होना चाहिए कि किसी ने जमानत कराई है या नहीं फिर उसकी पड़ताल करके ही कार्रवाई करनी चाहिए। पुलिस की इस कार्यवाई को उन्होंने भाजपा से प्रेरित बताया।
जानकारी के मुताबिक 20 दिसंबर 2009 में विधानसभा कूच के दौरान शांतिभंग के आरोप में उपाध्याय और पार्टी नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। पुलिस ने किशोर उपाध्याय समेत दर्जनों कांग्रेस नेताओं के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था। इस मामले में पिछले महीने नेताओं के खिलाफ कोर्ट ने नॉन बेलेबल वारंट जारी किए थे। 23 अप्रैल को किशोर उपाध्याय समेत पांच अन्य नेताओं ने जमानत करा ली थी।
इसके बाद सीओ डालनवाला से बात करने के लिए किशोर उपाध्याय अंदर गए। इस दौरान उन्होंने कहा कि मेरे खिलाफ कोई अन्य एनबीडब्ल्यू हैं तो मुझे अरेस्ट कर लें। पुलिस के मना करने पर किशोर थाने से बाहर आ गए। कहा कि पुलिस अकेले मेरे घर ही पुलिस क्यों आई। अन्य भाजपा नेताओं के खिलाफ पुलिस ने क्यों कोई स्टेप नहीं उठाया। इसमें साफ तौर पर साजिश नजर आ रही है।