उत्तराखंड सरकार ने राज्य के अस्पतालों में स्टाफ नर्स की भर्ती के लिए 30 बेड के अस्पताल में एक साल की सेवा और फार्म 16 की बाध्यता को खत्म कर दिया है। इसके साथ ही स्वास्थ्य महानिदेशालय को भर्ती की प्रक्रिया फिर से शुरू करने के निर्देश दिए गए हैं।
प्राविधिक शिक्षा परिषद को इस भर्ती का जिम्मा दिया गया था। लेकिन भर्ती के लिए अनुभव और फार्म 16 की शर्त होने की वजह से बड़ी संख्या में अभ्यर्थी भर्ती की प्रक्रिया से बाहर हो गए थे। दबाव बढ़ा तो सरकार ने इन शर्तों को हटाने का निर्णय लिया था। कुछ दिन पूर्व हुई कैबिनेट की बैठक में नर्सिंग नियमावली में बदलाव किया गया था। इसके बाद अब इस संदर्भ में आदेश कर दिए गए हैं। इधर चिकित्सा शिक्षा विभाग ने मेडिकल कॉलेजों में होने वाली भर्ती के लिए भी नए नियमों से ही भर्ती करने के आदेश भी किए गए हैं।
सचिव स्वास्थ्य की ओर से इस संदर्भ में आदेश किए गए। सरकार के इस आदेश से राज्य के उन हजारों प्रशिक्षित बेरोजगार स्टाफ नर्स को भर्ती प्रक्रिया में शामिल होने का मौका मिल पाएगा जो 30 बेड के अस्पताल में एक साल काम करने का अनुभव और फार्म 16 न होने की वजह से आवेदन नहीं कर पा रहे थे। विदित है कि सरकार ने राज्य के अस्पतालों में खाली चल रहे 1238 स्टाफ नर्स के पदों के लिए पिछले दिनों विज्ञप्ति प्रकाशित की थी।
डिग्री, डिप्लोमा वाले कर सकेंगे आवेदन : सरकार के आदेश के बाद अब जिन युवाओं के पास बीएससी नर्सिंग की डिग्री और जीएनएम का डिप्लोमा होगा वे आवेदन कर सकते हैं। हालांकि दोनों ही वर्ग के अभ्यर्थियों के लिए नर्सिंग काउंसिल में पंजीकरण भी अनिवार्य है।
भर्ती प्रक्रिया फिर से शुरू होगी : मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की ओर से स्टाफ नर्स भर्ती की शर्त में बदलाव के निर्देश के बाद स्वास्थ्य महानिदेशक ने भर्ती की प्रक्रिया पर रोक लगाने की सिफारिश की थी। जिसे सरकार ने मान लिया था। बुधवार को नियमावली में बदलाव संबंधी आदेश होने के बाद भर्ती फिर शुरू करने के आदेश भी कर दिए गए हैं। इसके बाद अब प्राविधिक शिक्षा परिषद की ओर से आवेदन के लिए नई तिथि दी जाएंगी।