दहेज एक अभिशाप, ना जाने कितनी आएशा, और कितने आरिफ। हेमा चौसाली की कलम से।

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भारतीय समाज के लिए दहेज एक अभिशाप है। दहेज ने स्त्रियों के जीवन को दूभर कर दिया है। दहेज की प्रथा के खिलाफ संपूर्ण भारतवर्ष में समय-समय पर आंदोलन होते रहे हैं। नवाचार की क्रांति के माध्यम से दहेज का उन्मूलन करने तथा समाज से दहेज के समूल को नष्ट करने के प्रयास किए जाते रहे हैं। दहेज की मांग, दहेज संबंधित कई अपराधों को जन्म देती है।


इसी प्रकार दहेज उत्पीड़न का एक और मामला सामने आया जिसने हम सभी के दिल को झकझोर दिया , आयशा आरिफ खान जिन्होंने 25 फरवरी को साबरमती नदी में कूदकर मौत को गले लगाया, सुसाइड अटेम्प्ट करने से पहले उन्होंने एक वीडियो बनाई थी जो कि सोशल मीडिया पर भी खूब वायरल हुई है ,जिसमें साफ नजर आ रहा था कि दहेज के उन लालचियो ने आयशा की जिंदगी को कितना मुश्किल कर दिया था की उनको आज जीने से ज्यादा अच्छा मौत को गले लगाना लगा ,लेकिन वीडियो में उन्होंने अपने ऊपर सुसाइड करने के लिए किसी भी प्रकार का कोई दबाव नहीं बताया ,वीडियो के साथ साथ एक रिकॉर्डेड ऑडियो कॉल भी वायरल हुई जिसमें उन्होंने अपने घर वालों से बात की है और बताया है कि वह अब थक चुकी हैं दहेज की लड़ाई लड़ते लड़ते हैं और अपने पिताजी से अपने ससुरालियों के ऊपर किए हुए केस को भी वापस लेने के लिए कहा ,उनके घर वालों द्वारा बार-बार मना करने के बाद भी यहां तक की कुरान पाक की कसम देने के बाद भी आयशा खुद को ना रोक सकी और आखिरकार आयशा नेम मौत को गले लगा ही लिया ,यहां पर सवाल यह उठता है कि, क्या आयशा के कहे अनुसार आरिफ को माफ कर देना चाहिए?


न जाने कितने आरिफ इस देश में कितनी ही आयशा को अपनी दहेज की हवस का शिकार बनाते होंगे
दहेज उत्पीड़न के कारण सुसाइड अटेम्प्ट करना ,ससुरालियों के द्वारा जिंदा जला देना या फिर मेंटली और फिजिकली टॉर्चर करना यह सब हमारे देश में आम हो चुका है
दहेज उत्पीड़न का मूल कारण हमारी कानूनी व्यवस्था भी है अदालतों में सालों साल न जाने कितनी बेटियों के बाप अपनी चप्पल भी अदालतों में घिस देते हैं लेकिन उसके बाद भी उन्हें न्याय नहीं मिल पाता , जिससे दहेज के लालचिओ की हिम्मत और भी बढ़ जाती है
हम चाहते हैं कि आरिफ खान और उसके घर वालों पर धारा 304 बी के तहत तुरंत सख्त कार्रवाई हो , दहेज की हवस से ग्रस्त लोग दहेज की मांग करने से पहले सौ बार सोचे, जिससे हमारे देश की कोई और बेटी आत्महत्या करने पर मजबूर ना हो किसी बाप को अदालत की सीढ़ियां ना चढ़नी पड़े
अगर आज एक बेटी को इंसाफ दिलाएंगे तो फिर हमारी और बेटियों के लिए कभी कोई अन्याय नहीं होगा

justiceforayesha

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