एक बार फिर से रफ्तार पकड़ रहे कोरोना वायरस पर अब उत्तराखंड सरकार भी सख्ती दिखाते हुए कोविड के नियमो में बदलाव करने का मन बना रही है। फिलहाल अभी उत्तराखंड शासन की और से एडवाइज़री जारी की गई है लेकिन यह संकेत साफ कहते हैं कि अगर परिस्थिति बिगड़ती है तो यह एडवाइज़री अनिवार्यता में तब्दील हो सकती है।
मंगलवार को उत्तराखंड शासन से मुख्यसचिव ओम प्रकाश के कार्यालय से SOP जारी की गई है। इस SOP में कई विषयों पर अभी फिलहाल एडवाइज़री जारी की गई है और पैनिक ना फैले इस लिए शुरुआत में शिथिलता बरती गई है।
जारी हुई SOP के कुछ महत्वपूर्ण बिंदु यह हैं…
*उत्तराखंड सरकार की ओर से कुछ राज्यों में बढ़ते कोरोनावायरस के मामलों को देखते हुए इन राज्यों से सड़क रेल और हवाई मार्ग से आने वाले लोगों को अपने साथ कोविड-19 टेस्ट की नेगेटिव रिपोर्ट लाने का सुझाव दिया गया है। इन राज्यों में महाराष्ट्र केरला पंजाब कर्नाटक छत्तीसगढ़ मध्य प्रदेश तमिलनाडु गुजरात हरियाणा उत्तर प्रदेश दिल्ली और राजस्थान से आने वाले लोगों के लिए यह फिलहाल सुझाव दिए गए हैं लेकिन आगे अगर परिस्थिति बिगड़ती है तो इसे अनिवार्य भी किया जा सकता है। वह इसके अलावा सोशल डिस्टेंसिंग सहित सभी गाइडलाइंस पर सख्ती बरतने के भी निर्देश दिए गए हैं।
*65 साल से ज्यादा के बुजुर्ग गर्भवती और बीमार लोगों के साथ-साथ 10 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को फिलहाल जरूरी होने पर ही यात्रा करने के सुझाव दिए गए हैं।
*जिला प्रशासन को एयरपोर्ट रेलवे स्टेशन के अलावा अन्य चेकिंग पॉइंट पर रेंडम टेस्टिंग के निर्देश दिए गए हैं और उत्तराखंड में आने वाले लोगों में से किसी का भी टेस्ट लिया जा सकता है यह हर किसी के लिए अनिवार्य नहीं होगा लेकिन इस तरह के रेंडम सेंपलिंग के लिए दिशा निर्देश जिला प्रशासन को दिए गए हैं।
*खाने के सामान और अन्य किसी भी तरह के सामान की आवाजाही पर किसी भी तरह का प्रतिबंध नहीं है। अनायास लोगों को परेशान करने वाले लोगों पर कार्यवाही होगी।
राज्य सरकार द्वारा महाकुंभ 2021 के लिए पहले ही s.o.p. जारी हो चुकी है उसमें किसी भी तरह की तब्दीली नहीं है यानी महाकुंभ 2021 में आने वाले सभी श्रद्धालुओं को कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट लानी अनिवार्य है।