पुलिस ने शुक्रवार को रेमडेसिविर के नकली इंजेक्शन बेचने और कालाबाजारी करने वाले चार गिरोह के 14 लोगों को गिरफ्तार किया। मानकनगर, नाका, अमीनाबाद और गोमतीनगर थानाक्षेत्रों में कार्रवाई के दौरान पकड़े गए आरोपियों में केजीएमयू के लारी, क्वीन मेरी के कर्मचारी, नर्सिंग छात्र, निजी अस्पताल मालिक और दो दवा व्यापारी हैं। इनसे 272 इंजेक्शन और करीब तीन लाख रुपये बरामद हुए हैं। कई जिलों में इनका नेटवर्क है।
एडीसीपी मध्य चिरंजीव नाथ सिन्हा के मुताबिक मानकनगर पुलिस ने चार लोगों से 91 इंजेक्शन बरामद किए। आरोपियों में केजीएमयू से नर्सिंग तृतीय वर्ष का छात्र सुल्तानपुर के अलीगंज मुसाफिरखाना का विकास दुबे, सीतापुर से डीफार्मा की पढ़ाई पूरी कर चुका कौशल शुक्ला है। वह सीतापुर रोड स्थित हसनगंज के खाता में रहता है। केजीएमयू के लारी की ओटी में टेक्नीशियन सोनभद्र के पन्नूगंज गेदी का अजीत मौर्य और क्वीनमेरी में स्टाफ नर्स बलरामपुर के शंकरपुर के राकेश तिवारी को भी दबोचा गया है। इनसे स्कूटी और 5250 रुपये मिले हैं।
एडीसीपी मध्य के मुताबिक कौशल से छह इंजेक्शन खरीदने की बात करने के बाद सर्विलांस और मानकनगर पुलिस टीम लगाई गई। कौशल ने 20 हजार रुपये में एक इंजेक्शन देने की बात कही, फिर 15 हजार में सौदा हुआ। कनौसी पुल के पास जैसे ही उसने सादे कपड़े में पहुंचे पुलिसकर्मी को इंजेक्शन दिए, टीम ने दबोच लिया। फिर उसकी निशानदेही पर विकास दुबे और अन्य को पकड़ा गया। इंजेक्शन में बंगलुरु की मायलांन लैबोरेट्री का स्टीकर लगा था।