दिल्ली में सात जून यानी आने वाले सोमवार सुबह पांच बजे तक लॉकडाउन लगा है इसके साथ ही UNLOCK की प्रक्रिया भी इस हफ्ते से शुरू हो चुकी है। शनिवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली में सीमित लॉकडाउन बढ़ाने के साथ ही दूसरे चरण के अनलॉक के बारे में भी घोषणा की। उन्होंने बताया कि दिल्ली में सीमित तौर पर लॉकडाउन जरूर जारी रहेगा लेकिन सात जून से अनलॉक-2 के तहत काफी रियायतें दी जा रही हैं। इसमें मेट्रो संचालन से लेकर बाजार का खुलना भी शामिल है। 10 प्वाइंट्स में जानिए मुख्यमंत्री केजरीवाल ने अनलॉक को लेकर क्या घोषणाएं कीं और क्या बंद रहेगा क्या खुलेगा….
- दिल्ली में कोरोना की संक्रमण दर वर्तमान में आधा प्रतिशत तक आ पहुंची है और रोजाना के केस 500 से कम होने के चलते रियायतें दी जा रही हैं, अगर केस बढ़े तो सख्ती भी बढ़ सकती है।
- दिल्ली के सभी बाजार और मॉल ऑड-ईवन के आधार पर सुबह 10.00 बजे से लेकर रात 8.00 बजे तक खुलेंगे। आधी दुकानें एक दिन खुलेंगी और आधी दूसरे दिन दुकानों के नंबर के आधार पर ऑड-ईवन का फैसला होगा।
- सरकारी दफ्तरों में ग्रुप ए वाले अफसर 100 क्षमता के साथ काम करेंगे लेकिन उनके नीचे वाले 50 प्रतिशत कर्मचारी ही काम करेंगे। इसेंशियल सर्विस से जुड़े विभागों में 100 प्रतिशत कर्मचारी काम करेंगे, लेकिन कौन सा विभाग जरूरी सेवा में आता है वह उसके एचओडी फैसला लेंगे।
- सभी निजी दफ्तर 50 प्रतिशत कर्मचारियों के साथ काम करेंगे। कोशिश करेंगे कि ज्यादा से ज्यादा लोग वर्क फ्रॉम होम करेंगे। समय का भी ध्यान उन्हें रखना होगा ताकि एक समय पर ज्यादा भीड़ सड़कों पर न हो।
- स्टैंड अलोन शॉप और जरूरी सेवाओं से जुड़ी दुकानें रोज खुलेंगी।
- दिल्ली मेट्रो 50 प्रतिशत सीट क्षमता के साथ चलेगी। दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन का कहना है कि सोमवार को उपलब्ध ट्रेनों में से केवल आधी को ही सेवा में शामिल किया जाएगा। जिसकी आवृत्ति अलग-अलग लाइनों पर लगभग 5 से 15 मिनट के बीच होगी।
- ई-कॉमर्स की व्यवस्था जारी रहेगी।
- इसके बाद आने वाले हफ्ते में देखेंगे कि कोरोना की कैसी स्थिति है उसके हिसाब से रियायत देेंगे
- हमें अब एक्सपर्ट की राय के अनुसार 37000 की पीक के लिए तैयारी करनी है। ऐसा नहीं है कि अब पीक नहीं आएगी लेकिन अगर हम इस बेस के साथ तैयार हो गए तो मामले बढ़ने पर हम और तैयारी कर सकेंगे।
- दिल्ली में एक पीडिएट्रिक टास्क फोर्स अलग से बनाई गई है जो तय करेगी कि कितने आईसीयू बेड होने चाहिए, उसमें से कितने बच्चों के होने चाहिए और बच्चों के लिए भी किस तरह के बेड होने चाहिए। इसके साथ ही उनके लिए सबकुछ अलग होगा।