मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कोविड की चुनौतियों से निपटने के लिए केंद्र का दरवाजा खटखटाया है। इन्हीं चुनौतियों से पार पाने के लिए रविवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात का समय मांगा है। उत्तराखंड में कोराना की दूसरी लहर चरम पर पहुंचने के बाद अब धीरे-धीरे संक्रमण कम हुआ है, लेकिन अब कोरोना की तीसरी लहर सामने हैं। राज्य में स्वास्थ्य को लेकर पर्याप्त व पुख्ता सुविधाएं नहीं हैं, ऐसे में यदि दूसरी लहर की भांति तीसरी लहर का भी कहर बरपा तो सरकार के सामने कई मुश्किलें खड़ी हो सकती हैं। वैसे भी आने वाले सात-आठ माह के भीतर राज्य में विधानसभा चुनाव का डंका बजने जा रहा है। इसके साथ ही मानसून सीजन भी शुरू होने जा रहा है। वैसे भी इस बार मई माह में ही राज्य के कई हिस्सों में बादल फटने से तबाही के कई मंजर भी सामने आ चुके हैं। जब मानसून सीजन पीक पर होगा तो फिर चुनौतियां और बढ़ सकती हैं। माना जा रहा है कि रविवार को उनकी प्रधानमंत्री से मुलाकात हो सकती है।
दायित्वों के आवंटन पर होगी चर्चा
सीएम तीरथ हाईकमान से दायित्वों के आंवटन को लेकर ग्रीन सिग्नल भी ले सकते हैं। त्रिवेंद्र रावत सरकार के सभी दायित्वधारी चूंकि बर्खास्त हो चुके हैं और कोरोना की वजह से सरकार दायित्वों का आवंटन नए सिरे से नहीं कर पाई है। विधान सभा चुनावों से पहले वरिष्ठ कार्यकर्ताओं में जोश व उत्साह बढ़ाने के लिए दायित्वों का आवंटन तय माना जा रहा है। सूत्रों ने बताया कि इस मसले पर भी मुख्ममंत्री आला नेताओं से चर्चा करेंगे।
हर्षवर्धन से करेंगे वैक्सीन पर बात
मुख्यमंत्री तीरथ रविवार को केंद्रीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन और जलशक्ति मंत्री गजेंद्र शेखावत से भेंट कर सकते हैं। तीनों से मुलाकात का वक्त मांगा गया है। सूत्रों ने बताया कि तीरथ स्वास्थ्य मंत्री डा. हर्षवर्धन के समक्ष राज्य में 18 प्लस वैक्सीन की कमी का मुद्दा उठा सकते हैं। दरअसल, वैक्सीन की कमी के चलते इस उम्र के युवाओं का वैक्सीनेशन गति नहीं पकड़ पा रहा है। विपक्ष भी लगातार इस मुद्दा बना रहा है।