शेयर बाजार के दिग्गज निवेशक राकेश झुनझुनवाला और उनकी पत्नी रेखा झुनझुनवाला समेत कुल 10 लोगों ने भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) को 37 करोड़ रुपये का जुर्माना देकर एपटेक इनसाइडर ट्रेडिंग केस का निपटारा करा लिया। इन लोगों ने सेबी को इस मामले में सेटलमेंट फीस के रूप में 37 करोड़ रुपये दिए हैं। बता दें कि यह मामला वर्ष 2016 का है।
बता दें कि यह मामला एपटेक के शेयरों में राकेश झुनझुनवाला और उनके परिवार के खरीद-फरोख्त से जुड़ा है। ये सभी लोग एजुकेशन कंपनी एपटेक में प्रमोटर थे। भारतीय प्रतिभूति एवं विनियम बोर्ड (सेबी) उस कथित आरोप की जांच कर रहा था कि इन लोगों को अप्रकाशित कीमत संवेदी सूचनाएं (यूपीएसआई) मिल जाती थीं। सेबी मई और अक्तूबर, 2016 के बीच सभी तरह के इनसाइडर ट्रेडिंग डील की जांच कर रहा था, राकेश झुनझुनवाला समेत अन्य लोग इसी मामले से संबंधित थे।
क्या था मामला?
बाजार नियामक सेबी ने अपने एक विस्तृत आदेश में बताया कि 7 सितंबर, 2016 को एपटेक लिमिटेड ने बाजार बंद होने के बाद स्टॉक एक्सचेंजों पर एक एलान किया, जिसका शीर्षक – ‘एपटेक प्री-स्कूल सेगमेंट में उतर रहा है’ था। इस सूचना को एक अप्रकाशित कीमत संवेदी सूचना (यूपीएसआई) मानी गई।
आरोप लगा था कि उत्पल सेठ और राकेश झुनझुनवाला को पहले से इसकी जानकारी थी और उन्होंने कई अन्य आवेदकों को भी इसकी जानकारी दी थी। सेबी ने कहा कि इस सूचना के आधार पर ही राकेश झुनझुनवाला, रेखा झुनझुनवाला, राजेशकुमार झुनझुनवाला, सुशीला देवी गुप्ता, सुधा गुप्ता और उष्मा सेठ सुले ने इस दौरान एपटेक के शेयरों की खरीदारी की।
राकेश झुनझुनवाला ने दिया इतना जुर्माना
इस मामले को निपटाने के लिए राकेश झुनझुनवाला को 18.5 करोड़ रुपये और उनकी पत्नी को 3.2 करोड़ रुपये देने पड़े। पिछले महीने राकेश झुनझुनवाला और उनके परिवार के सदस्यों ने यह अपील की थी कि वे एपटेक के शेयरों के इनसाइडर ट्रेडिंग के मामले में सेटलमेंट करना चाहते हैं। एपटेक में झुनझुनवाला और उनके परिवार के सदस्यों की करीब 49 फीसदी हिस्सेदारी है।