भाजपा में 2022 के विधानसभा चुनाव के लिए किसी को बेटे तो किसी को पत्नी के लिए टिकट चाहिए। खानपुर के विधायक कुंवर प्रणव चैंपियन ने तो खुले मंच से परिवार के लिए टिकट की दावेदारी कर दी है।
पार्टी के जिन विधायकों को अपना टिकट काटे जाने का अंदेशा है, वे अपने बेटे या बेटी के लिए टिकट की लॉबिंग में जुट गए हैं। इस पर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक का कहना है कि टिकट किसे मिलेगा किसे नहीं, यह केंद्रीय संसदीय बोर्ड में तय होता है।
अपने परिवार के लिए टिकट की चाह रखने वालों में चैंपियन के बाद दूसरा नाम डॉ. हरक सिंह रावत का है। डॉ. रावत की पुत्र वधू अनुकृति गुसाईं लैंसडौन विधानसभा सीट से चुनाव लड़ने की इच्छुक है। कई मौकों पर उनकी यह इच्छा प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से प्रकट हो चुकी है।
अनुकृति सामाजिक गतिविधियों में खासी सक्रिय
हालांकि डॉ. रावत खुद चुनाव न लड़ने की बात कह रहे हैं, लेकिन चर्चा यही है कि वह अपने और बहू के लिए टिकट चाहते हैं। पिछले कुछ दिनों से अनुकृति सामाजिक गतिविधियों में खासी सक्रिय हैं। गंगोत्री विधानसभा सीट पर विधायक रहे स्वर्गीय गोपाल रावत का परिवार भी टिकट चाह रहा है।
अपने बेटे के लिए टिकट की पैरवी कर रहे उम्रदराज विधायक चीमा व हरबंस कपूर : काशीपुर विधानसभा सीट से चार बार के विधायक हरभजन सिंह चीमा अपने बेटे के लिए टिकट की पैरवी कर रहे हैं। उनके बेटे ने हाल ही में पार्टी की सदस्यता ली है। उम्रदराज विधायक हरबंस कपूर भी कैंट विधानसभा सीट से अपने बेटे को उम्मीदवार बनाए जाने की हसरत रखते हैं। हालांकि पार्टी कैंट सीट से कपूर का टिकट काटे जाने के पक्ष में नहीं है। पार्टी में कैबिनेट मंत्री बंशीधर भगत को लेकर भी चर्चा है कि वह उम्र का मानक आड़े आने की सूरत में अपने बेटे के लिए टिकट की पैरवी करेंगे। सूत्रों के मुताबिक, जैसे-जैसे चुनाव की घड़ी नजदीक आएगी, परिवार के लिए टिकट की दावेदारी और जोर पकड़ेगी।