बिलावल भुट्टो ज़रदारी की उम्र महज़ 34 साल है. वो इसी साल अप्रैल महीने में पाकिस्तान के विदेश मंत्री बने.
27 दिसंबर, 2007 को माँ बेनज़ीर भुट्टो की हत्या के बाद बिलावल भुट्टो को पाकिस्तान पीपल्स पार्टी का उत्तराधिकारी घोषित किया गया. उस वक्त बिलावल महज़ 19 साल के थे और ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी के क्राइस्ट कॉलेज में इतिहास में ग्रेजुएशन कर रहे थे.
2009 में बिलावल को अमेरिका-पाकिस्तान-अफ़ग़ानिस्तान के एक सम्मेलन में पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा बनाया गया था. तब उनके पिता आसिफ़ अली ज़रदारी पाकिस्तान के राष्ट्रपति थे और बिलावल की उम्र 21 साल थी. विदेश मंत्री बनने से पहले इस अंतरराष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल में शामिल होने के अलावा बिलावल के पास कूटनीतिक मामलों में कोई अनुभव नहीं था.
शहबाज़ शरीफ़ की सरकार में बिलावल को विदेश मंत्रालय दिया गया तब कहा जा रहा था कि पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय संबंधों के मामले में सबसे मुश्किल दौर में है, विदेश मंत्रालय की बागडोर ऐसे व्यक्ति के हाथ में सौंप दी गई है जिनके पास कोई अनुभव नहीं है.
बिलावल के विदेश मंत्री बनाए जाने पर पाकिस्तान के अंग्रेज़ी अख़बार ‘द डॉन’ ने लिखा था, “युवा बिलावल की तुलना उनके नाना ज़ुल्फ़िकार अली भुट्टो से होने लगी है. ज़ुल्फ़िकार अली भुट्टो भी 1963 से 66 तक पाकिस्तान के विदेश मंत्री रहे थे. लेकिन क्या युवा बिलावल पाकिस्तान को अंतरराष्ट्रीय राजनीति में वह मुकाम दिला पाएंगे, जिसकी अभी सख़्त ज़रूरत है?”