देहरादून में विवाहेत्तर संबंध में रोड़ा बन रहे पति को महिला ने प्रेमी के साथ मिलकर मार डाला और शव घर के पास नाले में फेंक दिया। पुलिस ने महिला से सख्ती से पूछताछ की तो उसने सारा राज उगल दिया। हत्या से पहले दोनों ने उसे जमकर शराब पिलाई और नशे की हालत में चुनरी से गला घोंट दिया। पुलिस ने महिला और उसके प्रेमी को चंद घंटे बाद ही गिरफ्तार कर लिया।
एसएसपी दलीप सिंह कुंवर ने बताया कि रविवार सुबह पुलिस को सूचना मिली थी कि मक्कावाला के पास नदी में एक व्यक्ति का शव पड़ा है। मौके पर पहुंची पुलिस ने शिनाख्त का प्रयास किया। आसपास के लोगों ने उसकी पहचान मोहम्मद अमजद निवासी मक्कावाला के रूप में की।
वह राजमिस्त्री का काम करता था और अपनी पत्नी जैतुन्निशा व तीन बच्चों के साथ किराये के घर में रहता था। उसकी पत्नी को बुलाकर जानकारी ली गई। शुरुआत में ही वह पुलिस को गुमराह करने लगी। आसपास के लोगों ने बताया कि अमजद के घर में हरिद्वार निवासी पिंटू नाम के युवक का आना जाना था।
पुलिस ने की सख्ती तो उगला राज
इस बारे में जब जैतुन्निशा से सख्ती से पूछताछ की गई तो उसने सारा राज उगल दिया। पुलिस को बताया कि वह पिंटू से तीन साल से प्यार करती थी। दोनों शादी करना चाहते थे। यह बात अमजद को पता चल गई थी। इसे लेकर वह आए दिन झगड़ा करता था।
इसके बाद उन्होंने अमजद को रास्ते से हटाने का षडयंत्र रच डाला। अमजद शनिवार शाम को घर आया तो जैतुन्निशा ने पिंटू को भी बुला लिया था। इसके बाद दोनों अमजद के लिए देसी शराब के चार पव्वे खरीदकर लाए। जैतुन्निशा ने अमजद को शराब पिलाई। जब उसे नशा हो गया तो उसने पिंटू को भी घर में बुला लिया।
हत्या के बाद शादी करने वाले थे दोनों
इसके बाद दोनों ने चुनरी से उसका गला घोंट दिया। इस बीच उसके बच्चे जाग गए तो धमकाकर वापस बिस्तर पर लिटा दिया। जैतुन्निशा ने पुलिस को बताया कि इसके बाद अमजद के शव को पास के नाले में फेंक दिया। दोनों रविवार को शादी करने वाले थे। पिंटू की तलाश की गई तो वह कुछ दूरी पर ही टिनशेड में बैठा मिला।
उसने भी पुलिस के सामने अपना जुर्म स्वीकार कर लिया। एसएसपी ने बताया कि जैतुन्निशा और लखबीर सिंह उर्फ पिंटू निवासी शाहपुर टांडा भागमल, पथरी हरिद्वार को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश किया गया। यहां से उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।
छटपटाया अमजद तो जैतुन्निशा ने पकड़ लिए पैर
पिंटू जब अमजद का गला घोंट रहा था तो वह छटपटाने लगा। इसके बाद जैतुन्निशा ने उसके पैर पकड़ लिए। दोनों जब मुतमईन हो गए कि वह मर गया तो उसे पहले बोरे में बंद करना चाहा। लेकिन, बच्चों के दोबारा उठने के डर से बोरे में नहीं डाल सके। इसके बाद उसे घसीटते हुए बाहर लाए और नाले में फेंक दिया।