मसूरी-देहरादून विकास प्राधिकरण (एमडीडीए) ने आढ़त बाजार के स्थानांतरण और सड़क चौड़ीकरण से प्रभावित होने वाले व्यापारियों के लिए विस्थापन एवं पुनर्वास नीति तैयार कर ली है। शासन के सुझावों के अनुसार संशोधन करने के बाद इसे अंतिम रूप दे दिया गया है।
इसके तहत व्यापारियों की अधिग्रहीत की जाने वाली जमीनों का मूल्यांकन किया जाएगा। अधिग्रहीत भूमि की कीमत सर्किल रेट के अनुसार निकाली जाएगी। पटेलनगर कोतवाली के पीछे खाली जमीन पर प्रस्तावित नए आढ़त बाजार में व्यापारियों को इससे दोगुनी कीमत का भूखंड दिया जाएगा।
निर्मित क्षेत्र कितना पुराना है, मूल्यांकन में इसका भी ध्यान रखा जाएगा।प्रोजेक्ट के तहत सहारनपुर चौक से तहसील चौक तक 2.4 किमी लंबी सड़क का चौड़ीकरण होना है। विस्थापन नीति में शामिल बिंदुओं के अनुसार, सड़क चौड़ीकरण से प्रभावित आढ़त व्यापारी यदि आवंटित भूखंड से ज्यादा क्षेत्रफल की मांग करते हैं तो एमडीडीए विकसित भूमि के मूल्य पर आवंटित करेगा। अतिरिक्त क्षेत्रफल आवंटित कर व्यापारी के पक्ष में पूरे भूखंड की फ्रीहोल्ड रजिस्ट्री कर दी जाएगी।
ये होंगे प्लॉट के साइज
नए आढ़त बाजार में 60 वर्गमीटर, 120.00 वर्गमीटर, 180.00 वर्गमीटर, 240 00 वर्गमीटर के व्यवसायिक भूखंड होंगे। गैर आढ़त दुकान स्वामियों के लिए 15.00 वर्गमीटर, 20.00 वर्गमीटर, 25.00 वर्गमीटर क्षेत्रफल की कियोस्क/दुकानों के लिए विकसित व्यवसायिक भूखंड काटे जाएंगे।
किरायेदारों के लिए नियम
सड़क चौड़ीकरण से प्रभावित दुकानों में यदि कोई किरायेदार कारोबार कर रहा है तो सहमति के आधार पर दुकान स्वामी और किरायेदार को यथास्थिति में आढ़त बाजार में विस्थापित किया जाएगा। इसके लिए दुकान स्वामी और किरायेदार को संयुक्त रूप से लिखित सहमति पत्र प्रस्तुत करना होगा।
अन्य थोक व्यापारियों को भी मिलेगा अवसर
नौ मार्च तक चिन्हित व्यापारी ही होंगे पात्र
आढ़त व्यापारियों के सत्यापन के लिए नौ मार्च 2023 को अंतिम तिथि माना गया है। इसके बाद कोई व्यापारी परियोजना के तहत लाभ का पात्र नहीं होगा। वर्तमान आढ़त बाजार (सहारनपुर चौक से गांधी रोड) के अतिरिक्त अन्य जगहों पर आढ़त का काम स्थायी रूप से बंद करने और ट्रैफिक जाम के स्थायी समाधान के लिए अलग कार्ययोजना तैयार होगी।
आढ़त बाजार के स्थानांतरण के लिए विस्थापन नीति तैयार हो है। शासन की ओर से सुझाए गए बिंदुओं को भी शामिल किया गया है। जल्द विस्थापन नीति शासन को सौंपी जाएगी। -बंशीधर तिवारी, उपाध्यक्ष, एमडीडीए