पश्चिम बंगाल में भाजपा ने फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ पर प्रतिबंध लगाने के बाद सोमवार को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी और उनकी सरकार की आलोचना की। पार्टी ने कहा कि यह फैसला नागरिक स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की आजादी पर गंभीर सवाल उठाता है। भाजपा के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा कि यह निर्णय दुर्भाग्यपूर्ण है, क्योंकि फिल्म उन पीड़ितों की वास्तविक पीड़ा दिखाती है, जिन्होंने जनसांख्यिकीय आक्रमण की भयावहता को सहन किया है। फिल्म में दिखाया गया है कि कैसे आतंकवादी संगठन आईएस ने भोलेभाले लोगों को बरगलाकर उनका इस्तेमाल किया। इस खतरे जिक्र एक नहीं, बल्कि केरल के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों वीएस अच्युतानंदन (एक कम्युनिस्ट नेता) और कांग्रेस के ओमन चांडी ने भी किया था।
ममता सरकार पर उठाए सवाल
उन्होंने सवाल किया कि ममता बनर्जी इस प्रतिबंध से किसे खुश करने की कोशिश कर रही हैं? क्या उन्हें लगता है कि बंगाल के मुसलमान भारतीय संविधान की तुलना में आईएस से अधिक जुड़ाव रखते हैं? उनकी इस विरोधाभासी राजनीति पर शर्म आती है।
प्रधानमंत्री मोदी ने फिल्म के पक्ष में बात की थी
उन्होंने कहा कि फिल्म की वजह से बंगाल में कानून और व्यवस्था को कोई खतरा नहीं था। अकेले कोलकाता में एक दर्जन से अधिक सिनेमाघरों में यह फिल्म दिखाई जा रही थी। यह फैसला सिर्फ कुछ विशेष लोगों के समूह को खुश करने के लिए लिया गया है। बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सहित कई भाजपा नेताओं ने फिल्म के पक्ष में बात की है। वहीं, भाजपा अध्यक्ष सुकांता मजूमदार ने कहा कि ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल को ISIS राज्य और इस्लामिक राज्य बनाने में लगी हुई हैं। इसलिए वे ऐसा काम कर रही हैं। हम इसके खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं।
‘द केरल स्टोरी’ को एक विकृत फिल्म: ममता
इससे पहले एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि ममता बनर्जी ने सोमवार को विवादास्पद फिल्म ‘द केरल स्टोरी’ के प्रदर्शन पर तत्काल रोक लगाने का आदेश दिया है। इसकी वजह नफरत और हिंसा की किसी भी घटना से बचना बताई गई है। अधिकारी ने बताया कि फिल्म दिखाने वाले किसी भी थिएटर के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। इससे पहले दिन में सीएम बनर्जी ने ‘द केरल स्टोरी’ को एक विकृत फिल्म बताया, जिसका उद्देश्य दक्षिणी राज्य को बदनाम करना था।