यूपी में हो रहे नगर निकाय चुनावों में अवध की दोनों सीटें अयोध्या और लखनऊ बीजेपी के लिए बेहद अहम है. राम नगरी अयोध्या और अटल जी की संसदीय क्षेत्र रहे लखनऊ से बीजेपी परिणाम से पहले ही जीत का दावा कर रही है.
लखनऊ: उत्तर प्रदेश के नगर निकाय चुनावों में शहरी सरकार के लिए जनता अपना फैसला लिख चुकी है. आज मतगणना के दौरान उम्मीद है कि दोपहर 12 बजे तक यह फैसला सुना दिया जाएगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी निकाय चुनावों में पार्टी प्रत्याशी को जिताने के लिए धुआंधार प्रचार करने बाद शुक्रवार को मंत्रिमंडल के सहयोगियों के साथ बहुचर्चित फ़िल्म ‘द केरल स्टोरी’ देखी. अब उन्हें भी नतीजों का इंतजार हैं.
हालांकि राजनीति के तमाम जानकार निकाय चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की जीत का दावा कर रहे हैं, लेकिन यह जीत समाजवादी पार्टी (सपा) और बसपा का सूपड़ा साफ करके हासिल होगी? ऐसा दावा कोई नहीं कर रहा है. फिलहाल निकाय चुनाव के नतीजों को लेकर जो गुणा-गणित का दौर चल रहा है उसके चलते यह जरूर कहा जा रहा है कि अवध क्षेत्र में बसपा का सुपडा साफ करते हुए भाजपा फिर से लखनऊ और अयोध्या की सीट अपनी झोली में डालने में सफल होगी. जबकि सपा इन दोनों ही स्थानों पर दूसरे स्थान पर रहेगी.
इस दावे का आधार अवध क्षेत्र में भाजपा के प्रति लोगों के रुझान और पार्टी संगठन की मजबूत पकड़ को बताया जा रहा है. जिसके चलते अवध क्षेत्र के लखनऊ, सीतापुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, बाराबंकी, अयोध्या, आंबेडकरनगर, श्रावस्ती, बहराइच, गोंडा और बलरामपुर में भाजपा प्रत्याशियों की जीत का दावा पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी कर रहे हैं. उनके अनुसार पार्टी इस बार सभी 17 नगर निगमों में जीत हासिल करने में सफल होगी और 70 से अधिक नगर पालिका अध्यक्ष तथा 100 से अधिक नगर पंचायत अध्यक्ष की सीटें भी जीत रही है.
वर्ष 2017 में हुए निकाय चुनावों में भाजपा ने 14 नगर निगमों में जीत हासिल की थी. इसके अलावा 70 नगर पालिका अध्यक्ष तथा 100 नगर पंचायत अध्यक्ष की सीटें जीती थी. जबकि सपा किसी भी नगर निगम में जीत हासिल नहीं कर सकी थी. सपा नगर पालिका अध्यक्ष की 45 सीटों और नगर पंचायत अध्यक्ष की 83 सीटों पर जीतने में सफल थी. बसपा को दो नगर निगम में जीत हासिल हुई थी. और नगर पालिका अध्यक्ष की 29 सीटों पर और नगर पंचायत अध्यक्ष की 45 सीट जीती थी. अब देखना यह है कि बीते निकाय चुनावों के नतीजों के सापेक्ष इस बार किस पार्टी का परफॉर्मेंस बेहतर रहता है.
सपा और भाजपा के बीच हुआ मुकाबला
निकाय चुनाव के नतीजों को लेकर सवाल पूछा जा रहा है कि अवध के दो मेयर सीटों पर जीतेगा कौन? इसके अलावा किस पार्टी के खाते में सबसे ज्यादा नगर पालिका अध्यक्ष और नगर पंचायत अध्यक्ष की सीटें आती हैं? इस बार यूपी में नगर निकाय की कुल 760 सीटों पर चुनाव हुए हैं. जिनमें 17 नगर निगम, 199 नगर पालिका और 544 नगर पंचायत की सीटें हैं. रही बात अवध में मेयर सीट लखनऊ और अयोध्या की तो, इन दोनों ही शहरों के ज्यादातर इलाकों में भाजपा की सपा से ही टक्कर होती दिखी है. कई इलाकों में बसपा प्रत्याशी की भी मौजूदगी दिखी है, लेकिन लोगों का समर्थन उन्हें नहीं मिला.