कर्नाटक: डीके शिवकुमार या सिद्धारमैया, आज उठेगा राज से पर्दा, सरकार गठन पर कांग्रेस लेगी फैसला

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कर्नाटक में सरकार गठन के लिए माथापच्ची जारी है. आज डीके शिवकुमार दिल्ली आएंगे, जहां पार्टी आलाकमान के साथ सरकार गठन को लेकर चर्चा की जाएगी.

कर्नाटक की राजनीति में मंगलवार का दिन अहम रहने वाला है. स्टेट कांग्रेस चीफ डीके शिवकुमार मंगलवार को दिल्ली आएंगे. देश की राजधानी में कांग्रेस के आलाकमान के साथ डीके शिवकुमार की बैठक होनी है. इस बैठक में Karnataka में सरकार गठन को लेकर चर्चा की जाएगी. डीके शिवकुमार के भाई और कांग्रेस सांसद डीके सुरेश ने इसकी जानकारी दी है. 224 सीटों वाली विधानसभा में कांग्रेस के खाते में 135 सीटें आई हैं, जबकि बहुमत के लिए 113 सीटों की जरूरत है.

डीके शिवकुमार अभी बंगलुरु निवास पर हैं. वह सुबह 9.30 बजे घर से एयरपोर्ट के लिए निकलेंगे. दिल्ली के लिए उनकी 10 बजे के करीब की 3 फ्लाइट बुक हैं. इनमें से वह किसी से भी जा सकते हैं. दरअसल, कर्नाटक में मुख्यमंत्री के पद के लिए रेस तेज हो गई है. कांग्रेस आलाकमान ने शिवकुमार और सिद्धारमैया दोनों लोगों को दिल्ली बुलाया. ये दोनों ही लोग सीएम बनने की रेस में सबसे आगे हैं.

हालांकि, हवा सिद्धारमैया के पक्ष में बह रही है. इस बात की पूरी उम्मीद जताई जा रही है कि सिद्धारमैया का कर्नाटक सीएम बनना लगभग तय है. वहीं, पार्टी आलाकमान के बुलाए जाने पर सोमवार को ही सिद्धारमैया दिल्ली पहुंचे, मगर शिवकुमार स्वास्थ्य समस्याओं की वजह से दिल्ली नहीं आ पाए.

डीके सुरेश ने की खरगे से मुलाकात

सोमवार शाम कांग्रेस सांसद डीके सुरेश ने पार्टी प्रमुख मल्लिकार्जुन खरगे से मुलाकात की. ये मुलाकात खरगे के दिल्ली स्थित आवास पर हुई. इस बैठक के खत्म होने के बाद डीके सुरेश ने रिपोर्टर्स से बात की, जिसमें उन्होंने बताया कि डीके शिवकुमार मंगलवार को दिल्ली आएंगे. दरअसल, रिपोर्टर्स ने पूछा कि डीके शिवकुमार दिल्ली कब आ रहे हैं. इसका जवाब देते हुए डीके सुरेश ने कहा, ‘हां, वह कल आ रहे हैं.’

दरअसल, सोमवार को भी मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर नहीं लग पाई. देर रात बैठकों का दौर चला, मगर कोई समाधान नहीं निकल पाया. ऐसे में डीके शिवकुमार का आज दिल्ली पहुंचना अहम माना जा रहा है. पार्टी आलाकमान के साथ मुलाकात के बाद सीएम के नाम पर मुहर लग सकती है.

मुख्यमंत्री चुनना बना टेढ़ी खीर

कर्नाटक चुनाव में कांग्रेस ने जबरदस्त प्रदर्शन किया है. देशभर के अलग-अलग राज्यों में पार्टी को मिली शिकस्त के बाद आखिरकार पिछले कुछ चुनावों से उसकी राह सुधरते हुए नजर आई. हिमाचल के बाद कांग्रेस ने बड़े अंतर से कर्नाटक में जीत हासिल की. कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भले ही कांग्रेस को जीत मिल गई है, लेकिन उसके लिए सबसे बड़ी चुनौती मुख्यमंत्री चुनना है.

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