पीएम मोदी के मन की बात कार्यक्रम का 100वां एपिसोड सुनने के लिए स्कूल नहीं आने पर बच्चों पर 100 रुपये जुर्माना लगाने वाले जीआरडी एकेडमी ने अपनी गलती स्वीकार ली है। स्कूल ने कहा है कि किसी बच्चे से कोई पैसा नहीं लिया गया है, भविष्य में ऐसा दोबारा नहीं होगा। इस संबंध में नेशनल एसोसिएशन फॉर पेरेंट्स एंड स्टूडेंट्स राइट्स (एनएपीएसआर) ने शिक्षा विभाग से लिखित शिकायत की थी।
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मुख्य शिक्षा अधिकारी प्रदीप कुमार ने बताया कि जेआरडी एकेडमी की ओर से मिले जवाब में बताया गया है कि किसी शिक्षक ने निजी तौर पर यह मैसेज ग्रुप में डाल दिया गया था। मामले का संज्ञान लिया गया और भविष्य में ऐसी गलती दोबारा नहीं की जाएगी। किसी छात्र से कोई पैसा नहीं लिया गया है।
यह था मामला
दरअसल मन की बात कार्यक्रम का 100वां एपिसोड 30 अप्रैल को प्रसारित हुआ था। इस दौरान स्कूलों सहित अन्य जगहों पर भी यह कार्यक्रम सुना गया था। इसके लिए रविवार को भी स्कूल खुले थे। एनएपीएसआर के राष्ट्रीय अध्यक्ष आरिफ खान ने बताया कि जेआरडी एकेडमी में कक्षा नौ से 12 तक के छात्रों के लिए मन की बात सुनना अनिवार्य किया गया था, लेकिन कुछ छात्र स्कूल नहीं पहुंचे थे। जिसके बाद एकेडमी की ओर से स्कूल के ग्रुप में एक मैसेज भेजा गया जिसमें कहा गया था कि जो छात्र कार्यक्रम सुनने स्कूल नहीं आए थे, उन्हें 100 रुपये फाइन या स्वास्थ्य प्रमाणपत्र देना होगा।
स्कूल न आने पर 20 रुपये जुर्माना
आरिफ खान ने बताया कि स्कूल की ओर से पिछले दिनों एक और निर्देश जारी हुआ है। इसमें कहा गया है कि जो छात्र छुट्टी लेने के बाद स्कूल आते हैं उन्हें छुट्टी की एक एप्लीकेशन के साथ में 20 रुपये भी जमा करने होंगे। इस संबंध में भी एसोसिएशन की ओर से पीएम, सीएम, राज्यपाल और शिक्षा विभाग को पत्र लिखकर शिकायत की गई है।
20 रुपये लेने के आरोप गलत
20 रुपये लेने वाला आरोप गलत हैं। इस संबंध में अगर शिक्षा विभाग की ओर से कोई रिपोर्ट मांगी जाएगी तो वह दी जाएगी। स्कूल किसी भी तरह के पैसे नहीं ले रहा है।
परमप्रीत सिंह, प्रिंसिपल, जेआरडी एकेडमी