गलत फहमी व बैंक के मोबाइल नंबर ना उठाने पर हुए विवाद मैं राज्य आंदोलन कारी ललित जोशी एवं बैंक प्रबंधक के बीच हुआ समझौता।

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रिपोर्ट। ललित जोशी।

नैनीताल सरोवर नगरी नैनीताल के अल्मोड़ा अर्बन कॉपरेटिव बैंक लिमिटेड शाखा प्रबंधक श्री कांडपाल व उत्तराखंड राज्य आंदोलन कारी व बैंक ग्राहक ललित मोहन जोशी के बीच जो बैंक के कलेंडर में लिखे नंबरो व जो मोबाइल नंबर से फोन
आया और व्यस्तता के कारण न नेटवर्क की व्यस्तता के चलते साथ ही कुछ दिनों से बैंक का लैंड लाइन फोन लाइन खराब होने से लेकर मन मुटाव जैसा हो गया था। जिसे आज कई सभ्रांत व्यक्तियों एवं ग्राहकों के बीच समझौता हो गया।
श्री जोशी ने बताया वह बैंक में लेनदेन के लिए आने जाने में असमर्थता व्यक्त करते हैं। जो फोन आदि न मिले तो आवेश में आकर एक राज्य आंदोलन कारी व बैंक ग्राहक होने के नाते खबर बना दी। श्री जोशी का कोई अल्मोड़ा अर्बन बैंक की छवि को धूमिल करना नही था। उनका केवल यह कहना था जो मोबाइल नंबर से फोन आया उसके बाद नही मिलना चिंता का कारण हो गया जब कलेण्डर के दिये गये नंबरों को मिलाया तो उसके नंबर भी नही मिले तो उन्होंने कोई अनहोनी न हो इसलिए सोशल मीडिया के सहारे एक खबर दी। अगर उस खबर से कोई बैंक अधिकारी या कर्मचारी को ठेस पहुंची है तो उसके लिए क्षमा याचना चाहते हैं। उन्होंने बैंक के कर्मचारियों की हौसला अफजाई करते हुए कहा कि देर बेर बैंक श्री जोशी के पुत्री, पुत्र को विड्राल के माध्यम से धनराशि दे देते हैं। श्री जोशी ने पूर्व में भी एक पत्र बैंक को दिया है जिसमें उन्होंने आवाजाही में हो रही परेशानी का हवाला देते हुए बच्चों को धनराशि दिये जाने की बात कही है। जिसमें बैंक कर्मचारी समय समय पर पुत्र, पुत्री को धनराशि दे देते हैं। श्री जोशी का कहना है वह काफी घबरा गए थे। जब कलेंडर के नंबर व मोबाइल नंबर नही लगा तो बच्चों के साथ कोई घटना न घटे इस बात को लेकर परेशान हो गये तो उन्होंने एक ग्राहक होने के नाते तैश में आकर खबर बना दी। आज कई लोगों के बीच गलत फहमी दूर होते हुए बैंक प्रबंधक श्री कांडपाल, बैंक कर्मचारी व राज्य आंदोलन कारी ललित मोहन जोशी का समझौता हो गया है। यहां बता दें ललित मोहन जोशी की उत्तराखंड राज्य आंदोलन कारी हैं और प्रशासन द्वारा पेंशन अल्मोड़ा अर्बन बैंक में आती है जिसे दो , तीन माह के बाद एक मुश्त धनराशि निकाली जाती है जिससे श्री जोशी दुकानदार को देते हैं।

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