नैनीताल झील भारत वर्ष ही नही अपितु विदेशों के करोडों पर्यटकों लिए एक पर्यटन का मुख्य साधन है । डॉ0 अफरोज खान।

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स्थान। नैनीताल।

रिपोर्ट। ललित जोशी

एंकर। सरोवर नगरी नैनीताल से दूर काठगोदाम सर्किट हाउस में न्यायाधीश एनजीटी (राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण) डा0 अफरोज अहमद ने पर्यावरण संरक्षण एवं वनों तथा अन्य प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के सम्बंध में जिला पर्यावरण समिति व अन्य अधिकारीयों के साथ बैठक कर अधिकारियों को आवश्यक दिशा निर्देश दिये। बैठक में डा0 अफरोज खान ने कहा कि हिमालयी क्षेत्र को बचाना हम सभी की जिम्मेदारी है। पर्यावरण को संरक्षित करके हम अपने आने वाले भविष्य को सुरक्षित कर सकते हैं।

पर्यावरण की दृष्टि से हिमालय न केवल भारत का बल्कि विश्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है इसका प्रभाव पूरे देश में पड़ता है। उन्होंने कहा कि हिमालयी क्षेत्र के संरक्षण के लिए हमें कई कदम उठाने होंगे। डा0 खान ने कहा कि खनन कानून के दायरे में होना चाहिए। चाहे वह मिट्टी का खनन हो, बालू या पत्थर का खनन हो खनन वैज्ञानिक तरीक से हो। जो खनन लीज होल्डर को दिया जाता है उसके मापदंड तय किये जाएं।

पर्यावरण एवं आमजन के लिए जो कार्य किये जाने हैं उसकी भी निगरानी होनी आवश्यक है।

उन्होंने कहा कि नैनीताल झील भारत वर्ष अपितु विदेशों के करोडों पर्यटकों लिए एक पर्यटन का मुख्य साधन है ।
इसके लिए यहॉ हाईड्रोबाइलोजिकल सिस्टम लगाई जाए इससे झील में पानी की गुणवत्ता आदि का पता चल सकता है और जो भी कमी है ।
उसे दूर किया सके। उन्होंने जिला प्रशासन द्वारा पर्यावरण की दृष्टि से नैनीताल झील पर किये जा रहे संरक्षण आदि कार्याें की सराहना की। डा0 खान ने कहा जिला पर्यावरण समिति देश के प्रत्येक जिलों मे है उनके कार्य सूखा कचरा, गीला कचरा, माइनिंग कैसे हो रही है, जगल का प्रबंधन, तालाब, झील, बायोेमेडिकल वेस्ट,सीवरेज पर्यावरण आदि को बचाने के लिए कार्य करती है। उन्होंने कहा सतत विकास लिए यह एक अच्छा कदम है।

इकोलॉजी और इकोनॉमी को मिलाकर एक एकीकृत दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता है, हर नागरिक का कर्तव्य है कि सरकार के हर काम में सहयोग करें,।
उन्होंने कहा पर्यावरण को बचाना हर नागरिक का धर्म है तभी हम आने वाली पीढियों के लिए पर्यावरण को संरक्षित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण में अधिकारीयों का महत्वपूर्ण दाईत्व है।

उन्होंने कहा कि नदी, नाले, झीलों, जल श्रोतों में एक भी बूद सीवेज की न पड़े इस हेतु अत्याधुनिक तकनीकी के सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापित हों, पुराने प्लांट को बदलने की भी कार्यवाही की जाय।

उन्होंने कहा कि लीगेसी वेस्ट को पूर्णरूप से खत्म करते हुए उन क्षेत्रों में छायादार पौधे रोपित किए जाय।
आयुक्त/सचिव मुख्यमंत्री दीपक रावत ने बैठक में बताया कि रूद्रपुर ट्रंचिंग ग्राउंड से करीब एक लाख टन कूड़े का निस्तारण हो चुका है। जिलाधिकारी वंदना ने कहा कि नैनीताल शहर में पर्यावरण संरक्षण के लिए अनेकों कार्य किये जा रहे हैं।

जिसमें सीवरेज व्यवस्था मुख्य है। उन्होंने कहा कि जिला पर्यावरण समिति बैठकों का आयोजन कर पर्यावरण के संरक्षित करने हेतु कार्य किये जा रहे हैं।

बाईट। डॉ0 अफरोज खान न्यायाधीश एन जी टी।