एनएच-74 : निलंबित पीसीएस अफसर नगन्याल गिरफ्तार

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एनएच-74 भूमि मुआवजा घोटाले में एसआईटी ने भूमिगत चल रहे निलंबित पीसीएस अफसर एनएस नगन्याल को गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तारी के डर से भूमिगत नगन्याल एसआईटी की कुर्की नोटिस चस्पा करने की कार्रवाई के बाद दबाव में आ गए थे। इसके अलावा चकबंदी अधिकारी अमर सिंह और सहायक चकबंदी अधिकारी गणेश प्रसाद निरंजन को भी गिरफ्तार किया गया है। बृहस्पतिवार को नगन्याल और अमर सिंह को नैनीताल में प्रभारी जिला जज, विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण की कोर्ट में पेश किया। कोर्ट ने दोनों को 16 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है। अब तक इस चर्चित घोटाले में कुल 17 आरोपियों को जेल भेजा जा चुका है और 11 की जमानत खारिज हो चुकी है। कोर्ट में 12 के खिलाफ चार्जशीट दाखिल हो चुकी है।
बाजपुर तहसील की जांच में एसआईटी ने खुलासा किया था कि चकबंदी प्रक्रिया के अधीन होने के बाद भी तहसील के गांवों की जमीनों का तत्कालीन अफसरों ने पिछली तारीख में 143 कराकर मुआवजे का निर्धारण कर दिया था। तत्कालीन एसडीएम एनएस नगन्याल ने तहसील में एक ही दिन में 120 जमीनों की पिछली तारीख में 143 की थी। इसमें 45 मामले एनएच-74 चौड़ीकरण की जद में आए जमीनों से संबंधित थे। वहीं, चकबंदी अधिकारी अमर सिंह और सहायक चकबंदी अधिकारी गणेश प्रसाद निरंजन ने तहसील में 143 की गलत रिपोर्ट तैयार की थी। इन रिपोर्टों को आधार बनाकर अधिकारियों ने किसानों को मुआवजा निर्धारण किया था। देहरादून एफएसएल जांच के लिए भेजी गई रिपोर्ट में 143 के दस्तावेजों में तीनों अधिकारियों के हस्ताक्षर होने की पुष्टि होने पर बृहस्पतिवार को एसआईटी ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया। तीनों को एसआईटी कार्यालय से पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया। दो दिन पूर्व नगन्याल के खिलाफ धारा 82 की कार्रवाई की गई थी और अमर सिंह भी पैर में चोट के कारण अब तक गिरफ्त से बाहर थे। गिरफ्तार करने के बाद एसआईटी ने नगन्याल और अमर सिंह को नैनीताल स्थित भ्रष्टाचार निवारण विशेष अदालत में पेश किया। वहीं, गणेश प्रसाद से एक टीम फिलहाल पूछताछ कर रही है।
चकबंदी अधिकारी अमर सिंह बैसाखी के सहारे नैनीताल कोर्ट तक पहुंचे। एसआईटी ने कोर्ट को बताया कि दोनों आरोपियों के खिलाफ विवेचना जारी है। विवेचना पूरी करने के बाद चार्जशीट कोर्ट में पेश की जाएगी। जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी सुशील कुमार शर्मा ने बताया कि कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 16 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। अब तक 211 करोड़ 85 लाख रुपये के घोटाले के सबूत मिल चुके हैं।
आरोपी को स्ट्रेचर पर भेजा जेल
आरोपी चकबंदी अधिकारी अमर सिंह की ओर से कोर्ट को बताया गया कि दुर्घटना में अमर सिंह का एक पांव बुरी तरह खराब हो गया है। वह चलने फिरने में असमर्थ है। कोर्ट ने पुलिस को निर्देशित किया कि वह आरोपी को व्हील चेयर या स्ट्रेचर पर जेल छोड़ने की व्यवस्था करे।
घोटाले में लिप्त होने के साक्ष्य मिलने पर गिरफ्तार पीसीएस अफसर नगन्याल और अमर सिंह को नैनीताल कोर्ट में पेश किया गया है। गणेश प्रसाद निरंजन से अभी पूछताछ चल रही है। दोनों को रिमांड पर लेने के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र भी लगाया जाएगा।
-कमलेश उपाध्याय, एसआईटी प्रभारी/ एसपी क्राइम

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