अंत्योदय राशन कार्डों में हो रहे फर्जीवाड़े और राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना के तहत छूटे पात्रों को लाभ देने के लिए जिला प्रशासन दो नगर निगमों को छोड़कर बाकी क्षेत्रों में सोमवार से सर्वे कराने जा रहा है। एक हफ्ते तक निकायों के अधिशासी अधिकारी और पूर्ति निरीक्षक सर्वे कर इसकी रिपोर्ट डीएम को सौंपेंगे। सर्वे से घर-घर से कूड़ा उठ रहा है या नहीं, इसकी स्थिति का भी पता चलेगा।
बता दें कि अंत्योदय राशन कार्डों को लेकर लोगों की तमाम शिकायतें रहती हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में सैकड़ों की संख्या में अपात्रों के राशन कार्ड निरस्त हो चुके हैं। इसके अलावा राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में भी कई पात्रों को योजना का लाभ नहीं मिल सका है। इसको लेकर जिला प्रशासन ने शहरी क्षेत्रों में सर्वे कराने का निर्णय लिया है। सर्वे में टीम अंत्योदय राशन कार्डों का सत्यापन करने के साथ ही राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में पात्र होने के बाद भी छूटे लोगों को शामिल करेगी।
साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना के आवेदन करने वाले पात्र की जांच हुई या नहीं इसकी भी जानकारी लेगी। एडीएम नजूल जगदीश कांडपाल ने बताया कि दो नगर निगमों (रुद्रपुर और काशीपुर) को छोड़कर बाकी नगर क्षेत्रों में अधिशासी अधिकारी और पूर्ति निरीक्षक एक हफ्ते तक सर्वे कार्य करेंगे। इसका भी सत्यापन किया जाएगा कि संबंधित शहरों में घर-घर कूड़ा उठ रहा है या नहीं। एक हफ्ते तक सर्वे करने के बाद रिपोर्ट को डीएम को सौंपा जाएगा। सर्वे कार्य सोमवार से शुरू किया जाएगा। इसको लेकर अधीनस्थों को निर्देश दिए जा चुके हैं।
कागजों में ही नहीं धरातल में भी ओडीएफ हो निकाय
जिले के निकायों को खुले में शौचमुक्त (ओडीएफ) घोषित करने के बाद भी कुछ जगहों से इसको लेकर शिकायतें रहती हैं। इसको लेकर अब डीएम ने कड़ा रुख अपनाया है। डीएम ने सभी निकायों के अधिशासी अधिकारियों को निर्देश दिए है कि यदि ओडीएफ को लेकर कोई गलती हुई है तो उसे समय रहते सुधार लें। अगर महज कागजी तौर पर निकाय ओडीएफ घोषित किया गया होगा तो उसे गंभीरता से लिया जाएगा।
जिले के 16 निकायों ने खुद को ओडीएफ घोषित कर इसकी जानकारी भारत सरकार को ऑनलाइन भेज दी है। खुले में शौचमुक्त करने का लक्ष्य 31 मार्च निर्धारित है। इससे पहले राज्य और भारत सरकार की टीमें भी निकायों का निरीक्षण करेंगी। इसको लेकर डीएम ने सभी अधिशासी अधिकारियों को निर्देशित किया है। एडीएम जगदीश कांडपाल ने बताया कि सभी अधिकारियों से कहा गया है कि अगर ओडीएफ को लेकर कोई गलती हुई है तो उसे ठीक कर लिया जाए, जो निकाय कागजों में ओडीएफ घोषित हुआ है, वह धरातल पर भी होना चाहिए। अगर कोई निकाय कागजी तौर पर ओडीएफ मिला तो कार्यवाही अमल में लाई जाएगी।