यूपी में कंपनी-एनजीओ-सोसाइटी का रजिस्ट्रेशन करवाना हुआ बेहद आसान, अब सबकुछ ऑनलाइन

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एनजीओ व सोसाइटी बनानी है या फर्म और कंपनी का रजिस्ट्रेशन कराना है, तो इसके लिए अब डिप्टी रजिस्ट्रार के दफ्तर का चक्कर नहीं लगाना होगा। सरकार ने फर्म एंड सोसाइटी कार्यालयों से होने वाले रजिस्ट्रेशन की पूरी व्यवस्था ऑनलाइन कर दी है। आवेदक अब घर बैठे खुद रजिस्ट्रेशन कर सकते हैं। डॉक्यूमेंट अपलोड कर सकते हैं। एटीएम, डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड, इंटरनेट बैंकिंग से ऑनलाइन फीस भी जमा कर सकते हैं। आवेदन अप्रूव होते ही प्रमाण पत्र डाउनलोड कर सकते हैं।

शासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सोसाइटी रजिस्ट्रेशन की मैनुअल व्यवस्था से सरकार की छवि खराब हो रही थी। इस प्रक्रिया में दलालों की सक्रियता व भ्रष्टाचार से लोगों की परेशानी से जुड़े फीडबैक मिल रहे थे। डिप्टी रजिस्ट्रार के फैसलों पर अपील सीधे हाईकोर्ट में होने की व्यवस्था से रजिस्ट्रार या शासन का भी ज्यादा नियंत्रण नहीं था। ऐसे में डिप्टी रजिस्ट्रार दफ्तर की ‘मोनोपोली’ चला करती थी।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर सोसाइटी, फर्म व चिट्स ग्रुप के रजिस्ट्रेशन की पूरी व्यवस्था ऑनलाइन कर दी गई है। इससे आम लोगों को डिप्टी रजिस्ट्रार दफ्तर के बाहर कायम मकड़जाल से मुक्ति मिल गई है। खास बात ये है कि रजिस्ट्रेशन से नवीनीकरण तक पूरी प्रक्रिया जनहित गारंटी अधिनियम के दायरे में है। ऐसे में हर काम तय समय सीमा में निपटाना अनिवार्य हो गया है।

खुद बाइलॉज और मेमोरेंडम बनाएं, फीस की करें गणना

व्यक्ति यदि पहली बार सोसाइटी बनाने जा रहा है और ज्यादा जानकार नहीं है तो वह विभाग की वेबसाइट पर जाकर खुद मेमोरेंडम और बाइलॉज बना सकेगा। इससे जुड़ी जानकारी वेबसाइट पर उपलब्ध करा दी गई है। इसके अलावा किस कार्य के लिए कितनी फीस जमा करनी है, यह भी व्यक्ति खुद ही पता कर सकता है। इसके लिए फी कैलकुलेटर वेबसाइट पर है। पहले इससे जुड़ी छोटी-छोटी जानकारी के लिए दलालों का शिकार होना पड़ता था। वेबसाइट पर ही सोसाइटी, फर्म व चिटफंड पंजीकरण से लेकर नवीनीकरण, विलंब शुल्क, अनुमति शुल्क आदि का ब्योरा दिया गया है।

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