पद्मावत पर सियासत: BJP शासित राज्यों में बवाल, राहुल ने घेरा

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संजय लीला भंसाली की फिल्म पद्मावत विरोध के बीच रिलीज हो गई है. करणी सेना इस फिल्म को लेकर गुस्से में है और देश के कई राज्यों में हिंसक रवैया अख्तियार किए हुए हैं. दिल्ली से सटे गुरुग्राम में करणी सेना के कथित कार्यकर्ताओं ने बुधवार को एक स्कूल बस पर हमला कर दिया. इतना ही नहीं कई शहरों में सिनेमाघरो में तोड़फोड़ भी की गई.

पद्मावत फिल्म को लेकर सियासी सरगर्मियां भी तेज हो गई हैं. बीजेपी के राष्ट्रीय नेता जहां इस मामले पर खामोश हैं तो वहीं बीजेपी शासित कई राज्य फिल्म को दिखाने के पक्ष में नहीं है. वहीं कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने पद्मावत के विरोध में हो रही हिंसा को नाजायज ठहराया है.

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ट्वीट करके कहा कि हरियाणा में बच्चों के खिलाफ हिंसा को किसी तरह से जायज नहीं ठहराया जा सकता. हिंसा और नफरत कमजोर लोगों का हथियार है. बीजेपी नफरत और हिंसा का इस्तेमाल करके हमारे देश में आग लगा रही है.

नर्मदा की यात्रा की परिक्रमा कर रहे कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने पद्मावत फिल्म को लेकर कहा- ‘किसी समाज और देश के ऐतिहासिक तथ्यों से किसी को ठेस पहुंचती है, तो ऐसी फिल्में नहीं बनानी चाहिए.’ इसका मतलब साफ है कि दिग्विजय पद्मावत फिल्म पर कहीं न कहीं विरोध में खड़े नजर आ रहे हैं.

विश्व हिंदू परिषद के नेता प्रवीण तोगड़िया ने पद्मावत फिल्म को लेकर सख्त रवैया अख्तियार किए हुए हैं. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भी वो फिल्म को रिलीज किए जाने के खिलाफ हैं. तोगड़िया ने कहा,’केंद्र सरकार फिल्म पर रोक लगाए नहीं तो सिनेमा घर में जो होगा वो इतिहास देखेगा.’

आम आदमी पार्टी के मुखिया और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पद्मावत फिल्म के पक्ष में खड़े नजर आ रहे हैं. केजरीवाल ने ट्वीट करते हुए लिखा, ‘अगर केंद्र सरकार, सारी राज्य सरकारें और सुप्रीम कोर्ट मिलकर एक फिल्म रिलीज नहीं करा सकते और सुरक्षित नहीं दिखा सकते हैं तो कैसे आएगा निवेश? एफडीआई को भूल जाओ, यहां तक कि स्थानीय निवेशक इंवेस्ट करने में संकोच करेंगे. पहले से ही घटती देश की अर्थव्यवस्था और रोजगार के लिए ये सही नहीं है.

दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने एक बाद एक ट्वीट कर पद्मावत फिल्म के खिलाफ हिंसक विरोध कर रहे करणी सेना के साथ-साथ बीजेपी जमकर लताड़ लगाई. सिसोदिया ने कहा, मैं भाजपा व करणी सेना से पूछना चाहता हूं – आप इतने निर्मम और निर्दयी हैं कि मासूम बच्चों को भी नहीं बख्शा? आप कहते हो हम हिंदुओं, राजपूतों के लिए लड़ रहे हैं, पर इन बच्चों में भी कई हिंदू होंगे, शायद कुछ राजपूत भी हों. आपने बच्चों पर हमला क्यों किया? आख़िर किसके लिए लड़ रहे हो? इसके बाद दूसरे ट्वीट में लिखा कि शर्म आनी चाहिए…. खुद को सेना बताने वाले इन गुंडों को भी जो राजपूत आन-बान-शान के नाम पर बच्चों को पत्थर मार रहे हैं, और उन सरकारों को भी जो इन गुंडों से डरती हैं. राजपूत अपनी वीरता के लिए प्रसिद्ध हैं, इस तरह की कायरता के लिए नहीं.

पद्मावत फिल्म को लेकर बीजेपी के केंद्रीय नेतृत्व और मोदी सरकार पूरी तरह से खामोशी अख्तियार किए हुए हैं. वहीं बीजेपी शासित मध्य प्रदेश, राजस्थान, हरियाणा गुजरात और गोवा की सरकारें इस फिल्म के विरोध के खिलाफ हैं. इतना ही नहीं इन राज्यों में फिल्म न दिखाए जाने के लिए सुप्रीमकोर्ट में अपील दायर की थी. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने फिल्म के रोक लगाने पर मना कर दिया है.

हरियाणा सरकार के मंत्री अनिल विज ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री ने पहले ही सार्वजनिक भावनाओं को देखकर कहा था कि सिनेमा हॉल फिल्म को स्क्रीन नहीं दिखा पायेंगे. लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है तो हम आदेश के बाध्यकारी हैं. मुख्यमंत्री ने कहा है कि जो सिनेमाघरों फिल्म को दिखाना चाहते हैं. उन्हें सुरक्षा प्रदान की जाएगी.

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ फिल्म पद्मावत के खिलाफ में खड़ा है. संघ के राजस्थान क्षेत्र के संघचालक डॉ. भगवती प्रकाश ने कहा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के नाम पर इतिहास के साथ खिलवाड़ गलत है. उन्होंने संघ का अभिमत रखते हुए कि प्रेरक इतिहास के प्रति संघ सदैव आग्रही रहा है और इसलिए संघ के स्वयंसेवक सहज ही ऐसे राष्ट्रीय महत्व के विषयों पर समाज के साथ सहभागी होकर अग्रसर होते ही हैं.

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