मुनिकीरेती में गंगा पर थ्रीलेन ब्रिज के लिए खटखटाया नाबार्ड का दरवाजा

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मुनिकीरेती में गंगा पर निर्माणाधीन थ्रीलेन ब्रिज का कार्य पूरा करने के लिए अब राज्य सरकार ने वित्तीय मदद के लिए नाबार्ड (नेशनल बैंक ऑफ एग्रीकल्चर एंड रुरल डेवलपमेंट) का दरवाजा खटखटाया है। सरकार अब ब्रिज निर्माण नाबार्ड से सहयोग से पूरा करेगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने ये बातें बृहस्पतिवार को मुनिकीरेती में अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के शुभारंभ अवसर पर मीडियाकर्मियों से कहीं। सीएम ने बताया कि थ्रीलेन ब्रिज का निर्माण पूरा करने के लिए अधिक फंड की जरूरत है। लिहाजा इसे नाबार्ड में भेजा गया है। गौरतलब है कि वर्ष 2013 में गंगा पर 346 मीटर स्पान के थ्रीलेन ब्रिज को राज्य सरकार ने 35.45 करोड़ रुपये की वित्तीय मंजूरी थी। आपदा व गंगा में बाढ़ के मद्देनजर लोनिवि की नरेंद्रनगर डिवीजन ने ब्रिज के डिजाइन में परिवर्तन किए। इसके चलते शासन से एकमुश्त वित्तीय मंजूरी की बजाय किश्तों में धनावंटन किया गया। योजना से संबंधित कांट्रैक्ट एजेंसी को समय पर भुगतान नहीं होने से एजेंसी ने डेढ़ साल पूर्व ब्रिज का काम रोक दिया। विभाग ने अक्टूबर 2016 में शासन को 51.99 करोड़ का रिवाइज इस्टीमेट भेजा था, जो कि लगभग डेढ़ साल बाद भी मंजूर नहीं हो सका है। ब्रिज की लागत में हुई बढ़ोतरी व ब्रिज निर्माण में विलंब को लेकर कृषि मंत्री ने सुबोध उनियाल ने इसकी जांच के आदेश जारी किए हैं।
महोत्सव में पहाड़ी उत्पादों के लगे स्टॉल
मुनिकीरेती स्थित खेल स्टेडियम परिसर में आयोजित अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव में पहाड़ी उत्पादों के स्टॉल लगाए गए हैं। जिसमें विभिन्न व्यंजनों के साथ ही पहाड़ी दालें और अन्य सामग्री के अलावा वस्त्र आदि के स्टॉल शामिल हैं। महोत्सव में जीएमवीएन और पतजंलि ने भी स्टॉल लगाया है।
चौरासी कुटिया में फ्री एंट्री
स्वर्गाश्रम में अंतरराष्ट्रीय योग महोत्सव के आयोजन के दिनों तक देसी व विदेशी पर्यटकों, योग साधकों, जिज्ञासुओं का प्रवेश नि:शुल्क कर दिया गया है। वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने मुनिकीरेती में आयोजित महोत्सव के दौरान यह जानकारी दी।

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