हाईकोर्ट ने कहा कि मुख्य सचिव अंशु प्रकाश पर आधी रात को किया गया हमला और उसके बाद विधानसभा समिति द्वारा उनको नोटिस दिया जाना स्पष्ट करता है कि विधानसभा और नौकरशाहों के बीच विश्वास की कमी है।
अदालत ने विधायक जारवाल की जमानत फैसले में उक्त टिप्पणी की। न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता ने दिल्ली सरकार को सुझाव दिया कि विधायकों और नौकरशाहों के बीच होने वाली सभी बैठकों की वीडियोग्राफी करवाई जाए।
अदालत ने कहा कि ऐसे कदम उठाए जाएं ताकि भविष्य में इस प्रकार की कोई अप्रत्याशित घटना न हो और पारदर्शिता बनी रहे।
अदालत ने आदेश में कहा कि वे विधायक जारवाल को जमानत दे रहे हैं लेकिन वर्तमान याचिका का निपटारा करने से पहले जमानत याचिका पर जिरह में यह नोट किया कि विधानसभा के सदस्यों और नौकरशाहों के बीच विश्वास की पूरी तरह से कमी है।