रोहतक रेलवे स्टेशन पर उत्तराखंड के पुलिस के चार जवान बंदी के ही हाथ में हथकड़ी की रस्सी थमाकर करीब पंद्रह मिनट तक गायब रहे। इसके बाद भी बंदी नहीं भागा। इस घटना के बाद से उत्तराखंड पुलिस महकमे में हड़कंप मचा हुआ। आलाधिकारियों का कहना है कि इस संबंध में चारों पुलिसकर्मियों से पूछताछ की जाएगी।
गुरुवार को दोपहर करीब एक बजे हरिद्वार से आने वाली ट्रेन से चार पुलिसकर्मी एक बंदी को लेकर रोहतक रेलवे स्टेशन पर उतरे। चारों ने बंदी को पुरुष प्रतीक्षालय में बैठा दिया।
आम यात्रियों के पास ही बंदी को बैठाने के बाद हथकड़ी की रस्सी उसी के हाथों में थमाकर चारों पुलिसकर्मी वहां से गायब हो गये। करीब पंद्रह मिनट तक बंदी प्रतीक्षालय में बैठा रहा। इस दौरान कई यात्रियों ने बंदी के पास आकर न सिर्फ अपना बैग रखा। बल्कि उसके पास बैठे भी रहे।
पंद्रह मिनट तक गायब रहे पुलिसकर्मी
थोड़ी देर बाद एक पुलिसकर्मी बंदी के पास आया लेकिन बंदी से दूर जाकर एक कुर्सी पर बैठ गया।
इसे बंदी की ईमानदारी ही कहा जाएगा कि उसने मौका मिलने पर भी भागना मुनासिब नहीं समझा। पंद्रह मिनट के बाद तीन अन्य पुलिसकर्मी आये और ऑटो से बंदी को कोर्ट में पेश करने के लिये ले गये।
रिपोर्टर ने एक सिपाही से पूछा कि जिस तरह से आप बंदी के हाथों में ही हथकड़ी की रस्सी थमाकर चले गये थे। यदि वह फरार हो जाता तो इसके लिये कौन जिम्मेदार होता? इस सवाल का पहले तो सिपाही ने जवाब नहीं दिया। बाद में कहा कि कहीं नहीं भागेगा ये, तुम अपना काम करो।
मामला गंभीर, लिखा जाएगा अधिकारियों को
इस बारे में एसपी रोहतक पंकज नैन का कहना है कि उत्तराखंड पुलिस द्वारा बंदी को पेशी पर लाने में लापरवाही बरतने का मामला संज्ञान में नहीं है।
जांच कराने के बाद इस संबंध में लापरवाह पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई को लेकर उत्तराखंड के पुलिसकर्मियों को पत्र लिखा जाएगा।
उन्हें भी बंदी की पेशी की सूचना नहीं दी गई थी, वरना पुलिस एस्कॉर्ट भेजकर कड़ी सुरक्षा में बंदी की पेशी कराई जाती।
ठगी का आरोपी बताया
उत्तराखंड पुलिस से जब बंदी के बारे में पूछा गया तो एक सिपाही ने बताया कि वह ठगी का आरोपी है। हरिद्वार में उस पर ठगी के कई मामले दर्ज है।
ठगी के एक मामले में उसकी रोहतक की कोर्ट में पेशी होनी थी।
रोहतक पुलिस का कहना है कि उत्तराखंड पुलिस ने किसी भी ठगी के आरोपी को कोर्ट में पेश करने के संबंध में उन्हें कोई सूचना नहीं दी थी।