उपचुनावों में ईवीएम एवं वीवीपैट मशीनों के खराब होने की शिकायतों को लेकर चुनाव आयोग (ईसी) इन दिनों विपक्षी दलों के निशाने पर है। इन्हीं हमलों की कड़ी में शिवसेना ने बुधवार को‘निर्वाचन आयोग, लोकतंत्र और चुनाव’ को सत्ता में बैठे लोगों की ‘रखैल’ करार दिया।
सहयोगी भाजपा की आलोचना करते हुए शिवसेना ने आरोप लगाया कि ‘निरंकुश’ मानसिकता से ग्रस्त सत्ताधारी दल अपने निजी स्वार्थ के लिए इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों (ईवीएम) को खराब किया है। अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में शिवसेना ने कहा है, ‘अब हमारा देश दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र नहीं कहा जा सकता है। इवीएम ने लोकतंत्र को विकृत कर दिया है। मौजूदा वक्त में सत्ताधारियों ने अपनी निरंकुश मानसिकता के कारण लोकतंत्र को अपनी रखैल बना डाला है।’
शिवसेना ने आरोप लगाया कि चुनाव और निर्वाचन आयोग सत्ताधारियों की रखैल बन गए हैं। साथ ही चेताया है कि चुनावी प्रक्रिया में लोगों का घटता विश्वास लोकतंत्र के लिए खतरनाक है। उसने कहा कि मौजूदा निर्वाचन आयोग और उसकी मशीनरी सरकार के गुलामों की तरह हो गए हैं। क्योंकि वे चुनाव में शराब और धन के वितरण संबंधी शिकायतों को सुनने के लिए तैयार नहीं हैं।