अमित शाह की शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे से बुधवार को होने वाली मुलाकात से पहले शिवसेना ने सामना के जरिये भाजपा पर करारा हमला किया है। सहयोगी दलों के साथ चार साल बाद बातचीत शुरू करने के भाजपा के कदम पर सवाल उठाते हुए शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि मातोश्री में सभी का स्वागत है लेकिन शिवसेना ने अब ‘एकला चलो रे’ की नीति अपना ली है। इसका सबूत हमने पालघर के चुनाव में दे दिया। अब शिवसेना अपनी नीति बदलने को तैयार नहीं है।
लोकसभा चुनाव से पूर्व विपक्ष के महागठबंधन की संभावित चुनौती के मद्देनजर भाजपा अध्यक्ष अमित शाह राजग को दुरुस्त करने में जुट गए हैं। शाह की योजना सभी सहयोगियों से मिल कर गिले शिकवे दूर करने के अलावा लोकसभा चुनाव की रणनीति पर चर्चा करने की है। इस सिलसिलमें में रविवार को लोजपा प्रमुख रामविलास पासवान से मिल चुके शाह बुधवार को शिवसेना प्रमुख उद्घव ठाकरे और संभवत: बृहस्पतिवार को अकाली दल के सुखबीर सिंह बादल से मुलाकात करेंगे। शाह की पहल पर पार्टी बिहार में अपने तीनों सहयोगियों जदयू, लोजपा और रालोसपा के साथ बैठक करेगी।
शाह की उद्घव से होने वाली मुलाकात बेहद अहम है। दरअसल अगला लोकसभा और विधानसभा चुनाव अकेले लड़ने की घोषणा कर चुकी शिवसेना ने महाराष्ट्र में पालघर सीट पर हुए लोकसभा उपचुनाव में भाजपा के खिलाफ उम्मीदवार खड़ा कर दिया था। हालांकि इस सीट पर भाजपा जीत गई थी, मगर इस दौरान दोनों दलों के बीच तल्ख बयानबाजी हुई थी।
माना जा रहा है कि महागठबंधन की बढ़ती चुनौतियों के कारण शाह शिवसेना को कुछ ठोस आश्वासन दे सकते हैं। इनमें केंद्रीय और राज्य मंत्रिमंडल में शिवसेना की भूमिका बढ़ाया जाना भी शामिल है। गौरतलब है कि सुलह के लिए भाजपा ने शिवसेना के समक्ष राज्यसभा के उपसभापति पद का प्रस्ताव रखा था, जिसे शिवसेना ने ठुकरा दिया।