सीएम के जनता दरबार में हंगामा करने वाली शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा को किया निलम्बित …. देखें मीडिया से क्या कहा उत्तरा बहुगुणा ने

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शिक्षिका उत्तरा बहुगुणा , नोगांव, उत्तरकाशी को सीएम के आदेश के बाद सस्पेंड कर दिया गया है.जिला शिक्षा अधिकारी ने सस्पेंशन ऑर्डर जारी करते हुए कहा कि प्रधानाध्यापिका का सीएम के जनता दरबार में अभद्रता कर्मचारी आचार सेवा नियमावली का उल्लंघन है. जिसके बाद शिक्षिका सस्पेंशन ऑर्डर जारी किया.

कल एक शिक्षिका ने अपने ट्रान्स्फ़र की मांग की तो मेरे मुख्यमंत्री भड़क गए. उन्होंने महिला की पीड़ा समझने से पहले ही ये सवाल दाग दिया कि ‘नौकरी लेते वक़्त तुमने क्या लिखकर दिया था?’

अव्वल तो ये सवाल ही मुख्यमंत्री की झेंप से निकला था. मुख्यमंत्री जानते हैं कि उसकी ट्रान्स्फ़र पॉलिसी पूरी तरह से फ़ेल है. धरातल पर इस पॉलिसी को कोई नहीं पूछता और सारे ट्रान्स्फ़र आज भी सिर्फ़ नेताओं/मंत्रियों/अधिकारियों की सिफ़ारिश से ही होते हैं. इसीलिए जब शिक्षिका ने कहा कि ‘मैं पिछले 25 साल से लगातार दुर्गम स्थान में तैनात हूं और पिछले साल मेरे पति का भी देहांत हो चुका है, मुझे ट्रान्स्फ़र दे दीजिए’ तो मुख्यमंत्री सकपका गए. इन महिला के मामले ने भरे ‘दरबार’ में स्पष्ट कर दिया था कि सरकार की ट्रान्स्फ़र पॉलिसी का रंग सिर्फ़ फ़ाइलों में ही गुलाबी है.

इसी से झेंपे मुख्यमंत्री ने अपनी झेंप मिटाने और महिला को लाजवाब करने के लिए पलट कर सवाल किया कि ‘नौकरी लेते वक़्त क्या लिख कर दिया था.’ शिक्षिका ने जवाब में कह दिया, ‘ये तो नहीं लिखकर दिया था कि ज़िंदगी भर के लिए वनवास पे चली जाऊँगी.’

इस जवाब की अपेक्षा मुख्यमंत्री को भी नहीं थी. उनका जूता उन्हीं के सिर बज चुका था. उन्होंने सवाल दागकर शिक्षिका को लाजवाब करना चाहा लेकिन शिक्षिका के जवाब से वे ख़ुद लाजवाब हो गए थे.

अब उनके नथुने फूलने लगे, कुर्सी की ठसक और ज़्यादा उभरने लगी, चेहरे से घमंड टपकने लगा और सत्ता का नशा सिर चढ़ कर बोलने लगा…. लिहाज़ा उन्होंने शिक्षिका के निलंबन और उन्हें हिरासत में लेने का फ़रमान जारी कर दिया…

बहरहाल,

‘नौकरी लेते वक़्त क्या लिखकर दिया था?’ शिक्षिका से ये सवाल करने वाले मुख्यमंत्री से भी कुछ ऐसे ही सवाल पूछे जाने चाहिए कि:

‘वोट मांगते हुए दोनों हाथ जोड़कर तुमने जनता से क्या-क्या वादे किए थे?’

‘चुनावी घोषणापत्र में प्रदेश की शिक्षा और शिक्षकों की स्थिति सुधारने ख़ातिर क्या लिखकर दिया था?’

‘मुख्यमंत्री पद की शपथ पढ़ते हुए पद की गरिमा बनाए रखने की कौन-कौन सी क़समें खाई थी?’

‘ट्रान्स्फ़र पॉलिसी जब बनाई तो उसमें तुमने क्या-क्या लिखा था?’

‘तुम्हारा राष्ट्रीय प्रधान कहता है कि वो देश का प्रधानसेवक है. तो तुम इस प्रदेश के मुख्य सेवक हुए. क्या तुम्हारा व्यवहार सेवकों जैसा है या कुर्सी मिलते ही तुम ख़ुद  राजा समझने लगे हो ।

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