आज आम आदमी पार्टी ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के जनता दरबार में फरियादी शिक्षिका के निलंबन व गिरफ़्तारी के आदेश दिये जाने की कड़े शब्दों में निंदा व भर्तसना की है। तत्संबंध में आम आदमी पार्टी के एक प्रतिनिधिमंडल ने आज उत्तरा पंत बहुगुणा के ओल्ड सर्वे रोड स्थित आवास पर उनसे मुलाकात की।
विदित हो कि एक दिन पूर्व ही सीएम आवास में आयोजित प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत के जनता दरबार में अपने स्थानान्तरण की माँग को लेकर आयी उत्तरकाशी जिले के सुदूर क्षेत्र नौगाँव में कार्यरत शिक्षिका उत्तरा पंत बहुगुणा को मुख्यमंत्री द्वारा तत्काल निलंबन व गिरफ़्तारी के आदेश जारी किये गये हैं।
आम आदमी पार्टी की प्रदेश संचालन समिति के अध्यक्ष नवीन पिरशाली ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हुये मीडिया को जारी बयान में कहा कि देवभूमि उत्तराखंड में एक महिला शिक्षक के साथ हुयी इस कार्यवाही ने फिर से यह साबित कर दिया है कि महिला सशक्तीकरण की बात करने वाली भाजपा और इसके नेताओं की मानसिकता असल में महिला दमनकारी व महिला विरोधी है।
उन्होंने कहा कि पिछले 25 वर्षों से अधिक समय से दुर्गम क्षेत्र में अपनी सेवा दे रही शिक्षिका अपने पति की मृत्यु के पश्चात देहरादून में नियुक्ति माँग रही थी जो कि सरकार की तबादला नीति के अनुसार मानवीय व न्यायोचित है। मुख्यमंत्री द्वारा उनके निलंबन व गिरफ़्तारी के मौखिक आदेश देना असंवेदनशील, असंवैधानिक व अलोकतांत्रिक है। उन्होंने आरोप लगाया की प्रदेश सरकार की तबादला नीति प्रकिया पैसे के आपसी लेनदेन व भ्रष्टाचार का माध्यम बन चुकी है । स्वंय मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी सुनीता रावत पिछले दस वर्षों से अधिक समय से देहरादून के सुगम क्षेत्र में कार्यरत हैं। उत्तराखंड की भ्रष्टाचार पर जीरो टोलरेंस का दावा करने वाली प्रदेश की डबल इंजन की त्रिवेन्द्र सिंह रावत सरकार अपनी नीतियों की नाकामियों की भड़ास निरीह जनता पर निकाल रही है।
श्री पिरशाली ने कहा कि प्रदेश की भाजपा सरकार के जनता दरबार विवादित होते जा रहे हैं। पूर्व में भी कृषि मंत्री सुबोध उनियाल के जनता दरबार में हल्द्वानी के व्यापारी प्रकाश पाँडे द्वारा जहर खाकर आत्महत्या करने की घटना घट चुकी है। प्रदेश सरकार जनता की समस्याओं के प्रति उदासीन व असंवेदनशील है।
उन्होंने मुख्यमंत्री से माँग की है कि शिक्षिका उत्तरा पंत बहुगुणा के निलंबन को तत्काल रद्द करते हुये मानवीय आधार पर उनकी स्थानान्तरण की माँग पर उचित निर्णय लिया जाये।
प्रतिनिधिमंडल में उमा सिसौदिया, राजेश बहुगुणा, विशाल चौधरीे, विनोद बजाज, शैलेश तिवारी, अभिषेक बहुगुणा, विनोद पंत शामिल रहे।