उत्तराखंड क्रांति दल माननीय मुख्यमंत्री द्वारा जनता दरबार में किए गए व्यवहार की कड़े शब्दों में निंदा करता है।प्रदेश के मुखिया होने के नाते उन्हे धैर्य का परिचय देना चाहिए।उन्हें समझना चाहिए था कि जनता दरबार में परेशान फरियादी ही आते है। लेकिन कल जिस तरह मुख्यमंत्री ने अपने ही बुलाए गए जनता दरबार में सेवानिवृत्ति की ओर अग्रसर तथा मानसिक तनाव से गुजर रही बुजुर्ग विधवा महिला के साथ व्यवहार ही नहीं किया वरन् नौकरी से निलंबीत तथा अपने पद का दुरुपयोग करते हुए गिरफ्तार तक करा डाला। इस घटना से प्रतीत होता है कि सरकार केवल शराब माफियाओं, खनन माफियाओं व शिक्षा माफियाओं के प्रति संवेदनशील है जनता के प्रति नहीं। यह सर्वविदित है कि सरकार की तबादला नीति पूर्ण रुप से दोषपूर्ण तथा बगैर सरकार के साथ पैसे के लेनदेन के बगैर कर्मचारी का तबादला होना नामुमकिन है ।उत्तराखंड क्रांति दल राज्य के लिए घटी इस शर्मनाक घटना का पुरजोर विरोध करेगा तथा कल दिनांक 30 जून 2018 शनिवार को दल का युवा प्रकोष्ठ राज्य भर में विरोध प्रदर्शन करेगा।इसके अलावा उत्तराखंड क्रांति दल सर्जिकल स्ट्राइक का वीडियो 21 महीने बाद सामने आने की घटना को भाजपा की राजनीति मानता है।भाजपा शासित राज्यों में सरकारों की लूटमार से जनता का ध्यान भ्रमित करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से इस वीडियो को सामने लाया गया है।भारतीय सेना के शौर्य का चुनाव इस्तेमाल करने की परंपरा डालकर भाजपा अपनी छोटी मानसिकता का परिचय दे रही है।भारतीय सेना हर दौर में सर्वश्रेष्ठ रही है लेकिन जिस तरह से भाजपा द्वारा देश की पराक्रमी सेना का चतुराई से राजनीतिक इस्तेमाल किया जा रहा है ऐसा देश में कभी नहीं हुआ। देश ने भारतीय सेना का पराक्रम तब भी देखा था जब 1971 के भारत-पाक युद्ध में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के 90000 सैनिकों को आत्मसमर्पण के लिए मजबूर करते हुए पाकिस्तान के दो टुकड़े कर दिए थे। उक्रांद का मानना है कि सेना और राजनीति का समावेश नहीं होना चाहिए। क्योंकि भाजपा चुनाव में कभी भी परास्त हो सकती है किंतु भारतीय सेना अजेय है।भाजपा भारतीय सेना को अपनी बपौती समझने की भूल ना करें और देश और प्रदेश के लिए अपने विकास के एजेंडे पर ध्यान केंद्रित करें।