राजस्थान का सियासी संग्राम, कांग्रेस ने रात 2.30 बजे की प्रेस कांफ्रेंस

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राजस्थान में चल रही सियासी चहलकदमी के बीच कांग्रेस ने रात 2.30 बजे प्रेस कांफ्रेंस की. इस प्रेस कांफ्रेंस में अविनाश पांडे, रणदीप सुरजेवाला और अजय माकन मौजूद रहे.

अविनाश पांडे ने बताया कि सोनिया गांधी से निर्देश मिलने के बाद वह जयपुर पहुंचे हैं. उन्होंने बताया कि 109 विधायक मुख्यमंत्री को समर्थन की चिट्ठी दे चुके हैं और कुछ विधायक अभी भी संपर्क में हैं. जिनसे आज सुबह मुलाकात होगी.

उन्होंने बताया कि आज सुबह 10.30 बजे कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलाई गई है. पार्टी में चल रही इस उठा पटक के बीच प्रेस कांफ्रेस में कांग्रेस नेताओं ने साफ किया कि कल जो व्हिप जारी किया गया था वो आज भी जारी रहेगा.जो विधायक बैठक में मौजूद नहीं रहेंगे उनके खिलाफ अनुशासनात्मक करवाई की जाएगी. उनकी पार्टी से सदस्यता भी समाप्त की जा सकती है.

राज्य के राजनीतिक हालात को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आज जो कांग्रेस विधायक दल की बैठक बुलाई है, जिसमें डिप्टी सीएम सचिन पायलट शामिल नहीं होंगे. दिल्ली में डेरा डाले सचिन पायलट ने इसके साथ-साथ यह भी दावा किया कि उन्हें 30 से अधिक विधायकों का समर्थन प्राप्त है और गहलोत सरकार अल्पमत में है.

बता दें कि मध्य प्रदेश और ज्योतिरादित्य सिंधिया को खोने के तीन महीने बाद कांग्रेस राजस्थान में भी गहरे संकट में है. कारण है राज्य में पार्टी के पुराने और नए नेताओं के बीच लंबे समय से चली आ रही खींचतान. राजस्थान के उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट आजकल बीजेपी के साथ बातचीत कर रहे हैं, ऐसा उनके करीबी सूत्रों ने कहा है. इसके अलावा यह भी खबर आ रही है कि राजस्थान में थर्ड फ्रंट बना सकते हैं सचिन पायलट.

बता दें कि राजस्थान में गहलोत सरकार को करीब 120 विधायकों का समर्थन हासिल है. ऐसे में 18 विधायक टूट जाने पर भी उनकी सरकार अल्पमत में नहीं आएगी. यही वजह है कि राज्य में थर्ड फ्रंट बनने के आसार दिखाई दे रहे हैं. उल्लेखनीय है कि विधायकों की खरीद-फरोख्त के मामले में एसओजी की तरफ से पूछताछ के लिए बुलाए जाने के बाद उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट अपने कुछ विधायकों के साथ दिल्ली पहुंच गए.

ताजा जानकारी के मुताबिक, पायलट ने कांग्रेस के 30 विधायकों के साथ कुछ निर्दलियों के समर्थन की बात कही है. उन्होंने गहलोत सरकार के अल्पमत में होने का भी दावा किया है. सचिन पायलट दिल्ली में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से मिलने पहुंचे थे. हालांकि, गांधी परिवार ने उनसे तत्काल जयपुर लौटने के लिए कहा है.

राजस्थान में कांग्रेस सरकार के ऊपर छाए संकट के बादलों पर भारतीय जनता पार्टी “इंतजार करो और देखो” की मुद्रा में है. पार्टी सूत्रों ने रविवार को कहा कि अगली कार्रवाई की योजना पर निर्णय लेने से पहले भाजपा, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सचिन पायलट के बीच शक्ति प्रदर्शन के परिणाम का इंतजार करेगी.

गहलोत ने सोमवार को कांग्रेस विधायकों की बैठक बुलाई है जिसमें इस बात के स्पष्ट संकेत मिलने की उम्मीद है कि गहलोत और पायलट को कितने विधायकों का समर्थन प्राप्त है. माना जा रहा है कि राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष पायलट भाजपा के कुछ नेताओं के संपर्क में हैं, लेकिन भाजपा सूत्रों ने इस बारे में कुछ भी कहने से इनकार किया है कि उसकी पायलट से कोई बात हुई है या नहीं.

राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पायलट अभी दिल्ली में हैं और उन्होंने खुले तौर पर पार्टी के खिलाफ असंतोष प्रकट किया है.आपको बता दे कि अशोक गहलोत को 70 के दशक में कांग्रेस में शामिल होने का मौका मिला था, जब पू्र्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के समय पार्टी में संजय गांधी की चलती थी. जब संजय गांधी के करीबियों ने उन्हें अशोक गहलोत के बारे में बताया तो उन्होंने गहलोत को राजस्थान में पार्टी के छात्र संगठन एनएसयूआई का अध्यक्ष बनाया.

कांग्रेस पार्टी से खुलेआम बगावत करने वाले सचिन पायलट को अभी तक गांधी परिवार से मिलने का समय तक नहीं मिला है. पायलट ने 30 विधायकों के समर्थन का दावा किया था, जो कि राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार गिराने के लिए पर्याप्त थी.

ऐसा बताया जा रहा है कि कांग्रेस आलाकमान ने सचिन पायलट के अपने भरोसेमंद व्यक्ति के माध्यम से यह बता दिया था कि वह एक समय जरूर मुख्यमंत्री बनेंगे लेकिन उसमें अभी समय लगेगा अभी वह युवा हैं, उन्हें इंतजार करना चाहिए. आखिरकार वह राज्य के डिप्टी सीएम हैं, राजस्थान कांग्रेस के अध्यक्ष हैं और पांच मंत्रालयों के इंचार्ज भी हैं.

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