बैंक से जुड़े एक अधिकारी ने बताया कि वसूली एजेंटों को टारगेट दिया गया है। उसी के अनुसार इनको वेतन से ऊपर प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इनकी बहाली अस्थायी तौर पर की गई है। इनका काम सिर्फ बैंक के फंसे कर्ज की वूसली करना है। हालांकि, इसके लिए इनको प्रोपर ट्रेनिंग दी गई है। किसी को परेशान या कोई नुकसान करने की छूट इन्हें नहीं होगी। गौरतलब है कि कोरोना संकट के कारण भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की ओर से सभी तरह के कर्ज की किस्त (लोन मोरेटोरियम) छह माह तक चुकाने की छूट मिली थी। वह समयसीमा 30 सितंबर को खत्म हो गई। आरबीआई ने बैंकों को अपने विवेक का इस्तेमाल करने हुए कर्ज पुनर्गठन करने की अनुमति दी है। इस फैसले के बाद सभी तरह के लोन पर ईएमआई फिर से शुरू हो गया है। वहीं, कोरोना और लॉकडाउन के कारण लाखों लोगो की नौकरी चली गई है। इसी अनुपात में लोग वेतन कटौती का सामना कर रहे हैं। इससे बैंकों को डर है उनका दिया हुआ कर्ज एनपीए हो सकता है। इस संभावना को कम करने के लिए बैंकों ने वसूली एजेंटों को भर्ती शुरू की है।
कर्जदार होते हैं परेशान
वसूली एजेंटों की बहाली से कर्जदारों की परेशानी बढ़ सकती है। दरअसल, वूसली एजेंट कर्जदार पर दबाब डालने के लिए रिश्तेदारों, दोस्तों, सहयोगियों यहां तक कि पत्नी और माता को भी धमकाने और उनसे बदतमीजी से नहीं कतराते हैं। इससे कर्जदार की परेशानी बढ़ जाती है। कई बार तो कर्जदारों को पुलिसी और कानून की भी सहायता लेनी पड़ती है। एक पेशेवर के मुताबिक, उन्हें कोरोना पॉजिटिव की रिपोर्ट आने के बावजूद भी नहीं बख्शा गया। वसूली एजेंट ने कहा कि पहले लोन दो फिर अस्पताल जाओ।
अभद्रता का अधिकार नहीं
बैंक और वित्तीय कंपनियां अपना लोन वसूलने के लिए वूसली एजेंट की सेवा ले सकती है, लेकिन एजेंट ग्राहकों से किसी भी प्रकार की अभद्रता या जोर जबरदस्ती नहीं कर सकते हैं। कर्जदाता के घर जाने का भी एक निश्चित समय है। बदसलूकी पर ग्राहक बैंक में इसकी शिकायत कर सकता है, अगर वहां सुनवाई नहीं होती तो वो आगे शिकायत कर सकता है।
आपके पास चार अधिकार
-वूसली एजेंट का काम कर्जदार को बैंक के लोन की रकम का भुगतान करने के लिए तैयार करना होता है। वह आपको शारीरिक, मानसिक या किसी और तरह से परेशान नहीं कर सकता। एजेंट अगर अभ्रदता से बात करता है तो आप पुलिस में शिकायत कर सकते हैं।
-अगर बैंक आपके केस को वसूली एजेंट को सौंपना चाहता है तो उसे पहले यह जानकारी आपको देनी होगी। अगर आपने पहले से कोई शिकायत कर रखी है और बैंक ने उस पर कार्रवाई नहीं की है तो एजेंट को केस नहीं सौंपा जा सकता।
-वसूली एजेंट का पता और फोन नंबर ग्राहक को दिया जाना जरूरी है। एजेंट को भी उन्हीं नंबरों से ग्राहक को कॉल करना चाहिए, जो बैंक ने उपलब्ध कराए हैं। एजेंट को ग्राहक से सुबह 7 से शाम 7 बजे के बीच ही संपर्क करना चाहिए।
-ग्राहक को यह अधिकार है कि वह एजेंट को एक तय वक्त पर फोन करने और मीटिंग के लिए समय तय करने को कह सकता है।
कोरोना महामारी और लॉकडाउन से अधिकांश लोगों की आय को प्रभावित किया है। अगर, आप उनमें शामिल हैं और आपने कार, होम या पर्सनल लोन लिया है और अब ईएमआई चुकाने में समस्या आ रही है तो परेशान मत हों। हम आपको बता रहे हैं कि कैसे आप इस परेशानी से निकल सकते हैं।
होम लोन की ईएमआई
अगर आपने बैंक या हाउसिंग फाइनेंस कंपनी से होम लोन लिया है और कोरोना के कारण ईएमआई चुकाने मुश्किल हो रहा है तो आप बैंक से बात करें। आरबीआई ने बैंकों को लोन पुनर्गठन करने को कहा है। इसका फायदा उठाकर आप दो साल तक लोन मोरेटोरियम या लोन की अवधि बढ़ाकर ईएमआई चुका सकते हैं। हालांकि, इसके लिए जरूरी दस्तावेज अभी से तैयार कर लें। अगर आपने अंडरकंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी में निवेश किया है तो डेवलपर्स से बातकर उसे रेडी टू मूव प्रॉपर्टी में शिफ्ट करा सकते हैं। कोरोना संकट के बीच कई डेवलपर्स यह सुविधा उपलब्ध करा रहे हैं। ऐसा कर आप ईएमआई के साथ रूम रेंट देने के बोझ से बच जाएंगे। फिर आपको ईएमआई चुकाने में राहत होगी।
कार लोन का भुगतान में समस्या
अगर आपने कार लोन लिया है अब चुकाने में समस्या आ रही तो बैंक या कर्जदाता से लोन की अवधि बढ़ाने को कहें। उदाहरण के तौर पर अगर आपके लोन की अवधि 36 माह की है तो इसे 48 माह करने का अनुरोध करें। इससे हर महीने आपको कम ईएमआई देनी पड़ेगी। अपने कर्जदाता या बैंक से ईएमआई डेफर करने का अनुरोध करें। इससे आपको मौजूदा माह की ईएमआई का पेमेंट बाद में करने की अनुमति मिल सकती है।