गुर्जर चेतना समिति एवं उत्तराखंड गुर्जर समाज द्वारा किसान विरोधी कानूनों की वापसी की मांग पर भारत बंद को पूर्ण समर्थन दिया गया ।

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8 दिसम्बर 2020, गुर्जर चेतना समिति उत्तराखंड एवम उत्तराखंड गुर्जर समाज द्वारा किसान विरोधी तीन कानूनों की वापसी, एमएसपी के लिए कानून बनाने, विद्युत संशोधन कानून को रद्द करने की मांग पर आयोजित भारत बंद को पूर्ण एवं सक्रिय समर्थन दिया गया ।

गुर्जर चेतना समिति के अध्य्क्ष सत्यपाल सिंह जी ने कहा सरकार को देश हित में जारी किसानों आंदोलन का दमन करने, उसे बदनाम करने और उसके खिलाफ षडयंत्र करने के बजाए किसानों की मांग माननी चाहिए।

वहीं गुर्जर समाज के प्रवक्ता व गुर्जर चेतना समिति के मीडिया प्रभारी अधिवक्ता पुनीत चौधरी ने कहा कि सरकार को देश की अर्थव्यवस्था की बेहतरी के लिए स्वामीनाथन कमीशन की संस्तुतियों के अनुसार किसानों को फसलों के लागत मूल्यों के डेढ़ गुना ज्यादा दाम पर भुगतान करना चाहिए, सरकारी तंत्र द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार को रोकने के लिए किसान व नागरिक प्रतिनिधियों को लेकर बड़े पैमाने पर सहकारी समितियों का निर्माण करना चाहिए और इसके जरिए गांव व कस्बा स्तर पर फसलों की खरीद और स्टोरेज की व्यवस्था कर सार्वजनिक वितरण प्रणाली को मजबूत करना चाहिए।

पुनीत चौधरी ने सरकार से पूछा कि क्यों किसानों को दमन करने हेतु :-
1- Essential commodity act 1955 (आवश्यक वस्तु अधिनियम) बदलाव किया गया , अब खाद्यान्न की जमाखोरी कितनी भी मात्रा तक और कितने भी समय तक करना अपराध नहीं रह गया। क्या यह काला बाजारी को बढ़ावा नही
2 – क्यों कॉन्ट्रैक्ट फार्मिंग का एक्ट बना दिया जिससे किसान को अब कॉन्ट्रेक्ट में बांध कर कॉरपोरेट निर्देशित करेगा की कौन से प्रकार की फसल किसान को उगानी है।

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