एक बार फिर से उत्तराखंड वासियों को राष्ट्रीय खेलो को लेकर मायूसी हाथ लगी है इस वर्ष भी उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेल नहीं हो पाएंगे । कोरोना महामारी और केंद्र सरकार से आर्थिक मदद न मिलने के चलते खेल सम्बंधित कार्य पूरे नहीं हो किये जा सके। जिसके चलते उत्तराखण्ड इस साल भी राष्ट्रीय खेलों की मेजबानी करने में सक्षम नहीं हो पायेगा ।
उत्तराखण्ड में बीते दो वर्ष पहले 2018 में राष्ट्रीय खेल होने थे, लेकिन अवस्थापना और विकास संबंधी औपचारिकताएं पूरी ना होने के कारण राष्ट्रीय खेलों को टालन पड़ा था । रुपए 719 करोड़ के अवस्थापना विकास कार्यों और आयोजन के लिए केंद्र सरकार से आर्थिक सहायता नहीं मिल पाई थी। इसके बाद प्रदेश सरकार द्वारा नवंबर 2021 के लिए राष्ट्रीय खेलों के प्रस्ताव भेजे गए थे। इस बार कोरोना महामारी ने परेशानियों में इज़ाफ़ा कर दिया। और इस वर्ष भी उत्तराखंड में राष्ट्रीय खेल नहीं हो पाएंगे।
अधिकारियों के मुताबिक केंद्र सरकार से राष्ट्रीय खेलो के आयोजन के लिए पहली किस्त के रूप में आर्थिक सहायता 500 करोड़ रुपए मांगी गई थी, लेकिन अब तक कोई आर्थिक सहायता नहीं मिल पाई है। जिस कारन इस वर्ष भी उत्तरखंड वासियों मायूसी हाथ लगी
कोविड 19 की वजह से अवस्थापना विकास संबंधी कार्य भी अधूरे हैं। अधिकारियों के मुताबिक राष्ट्रीय खेलों के लिए अभी कम से कम 16 महीने का समय और चाहिए। जिससे यह साफ है कि इसी साल नवंबर में प्रस्तावित राष्ट्रीय खेलों का आयोजन संभव नहीं है।
आपको बता दें कि राष्ट्रीय खेलों के लिए देहरादून और हल्द्वानी शहर में खेल गांव विकसित किये जाने थे. देहरादून जिले के रायपुर में विधानसभा के लिए चयनित जगह में एवं हल्द्वानी में निर्माणाधीन आईएसबीटी वाली भूमि पर प्री फेब्रीकेटेड तकनीकी आधारित खेल गांव का निर्माण किया जाना था. लेकिन इस बीच 2020 में covid-19 ने सब कुछ गड़बड़ा दिया।
राष्ट्रीय खेलो में खेले जाने वाले खेल….
नेशनल गेम्स के लिए बैडमिंटन, बास्केटबॉल, आर्चरी, एथलेटिक्स, लॉन बाउलिंग, साइकिलिंग, इक्वीस्टिरियन, फुटबॉल, फैंसिंग, गोल्फ, जिम्नास्टिक, हैंडबॉल, हॉकी, जूड़ो, कयाकिंग, एक्वाटिक्स, कैनोइंग, नेटबॉल, कबड्डी, खो-खो, शूटिंग,स्क्वैश, रग्बी, मॉडर्न पैथालॉन, रोईंग, टेबल टेनिस, ताइक्वांडो, सेलिंग, टेनिस, ट्राईथलॉन, वॉलीबाल, वेटलिफ्टिंग, रेसलिंग व वुशु खेल प्रस्तावित किए गए थे।