क्या विधानसभा टिकट की दौड़ से शिल्पी अरोरा को बाहर करने के लिए बनाया IT अध्यक्ष या हरीश-प्रीतम की तल्ख़ी की भेंट चढ़े IT कांग्रेस अध्यक्ष अमरजीत सिंह ।

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जैसे कि गए हफ़्ते IT विभाग के प्रदेश अध्यक्ष पद से सरदार अमरजीत सिंह को हटाया गया जो की बहुत ही एक से काम कर रहे थे सोचने ओर मजबूर कर देता है की इतने महत्वपूर्ण विभाग जिसकी सम्पूर्णता के बिना 2022 का चुनाव जीतना तो दूर लड़ना भी असम्भव है का प्रदेश अध्यक्ष बदलना कहा तक सार्थक है ।


जैसे की कांग्रेस भवन एवं आईटी विभाग के पदाधिकारियों मैं चर्चा है की खिच तान तो काफ़ी समय से चल रही थी ओर अब उसको अमलिजामा पहना दिया गया तो सवाल उठता है की बहुत ही व्यवहार कुशल ओर अपने काम मैं सो पर्सेंट देने वाले अध्यक्ष की जगह एक विधानसभा की दावेदार जिनको टीम के साथ मिलकर काम लय मैं लाने मैं ही अभी 6 महीने लग जाएँगे जब चुनाव का उबाल चरम पर होगा वहीं अगर दूसरी वजह पर नजर डालें तो ऐसा लगता है जैसे प्रीतम सिंह जिस डाल पर बैठे हें उसे ही काट रहे है , कार्यकर्ता को एक जुट करने का समय था, उस समय हरीश रावत के साथ उनकी तल्ख़ी जो जाग ज़ाहिर है को उनके द्वारा स्थापित लोगों को हटा कर ज़ाहिर करना कहाँ तक तर्क संगत है ।

कार्यकारिणी में एकमात्र उपाध्यक्ष का पद संभाल रहे विशाल मौर्या ने सोशल मीडिया के जरिए ही अपने त्यागपत्र की घोषणा की है। वहीं प्रदेश सचिव दीपा खत्री ने भी सोशल मीडिया में अपनी पोस्ट के जरिए त्यागपत्र देने की घोषणा की है। हल्द्वानी निवासी दीपा ने कहा कि आगामी वर्ष 2022 में विधानसभा चुनाव होने हैं और एक अनुभवहीन व्यक्ति को नियुक्त करने से काम प्रभावित होगा। प्रदेश सचिव दिनेश सकलानी ने सोशल मीडिया में जारी अपनी पोस्ट के जरिए कांग्रेस IT राष्ट्रीय अध्य्क्ष रोहन गुप्ता से अमरजीत सिंह को प्रदेश अध्यक्ष पद से हटाने का कारण पूछा और त्यागपत्र दे दिया साथ ही प्रदेश सचिव का पद संभाल रहे अनुराग मित्तल ने भी तत्काल प्रभाव से अपने पद से इस्तीफा दे दिया है।

वहीं अगर बात अमरजीत सिंह की करें तो प्रदेश एवं ज़िला कार्यकारिणी के कई लोग इस्तीफ़ा दे चुके है ओर कई लोग देने की राह ओर हैं ।
सबका एक ही सवाल है की अध्यक्ष बदले जाते हैं परन्तु सम्मान को ताक पर रख कर किए गए इस बदलाव को अपनी तल्ख़ी से जोड़ना गलत है । क्या अमरजीत सिंह को कहीं ओर पद देकर या सम्मानित तरीक़े से ये बदलाव नहीं किया जा सकता था I एक अनुभवहीन व्यक्ति को नियुक्त करने ओर देहरादून से बाहर के व्यक्ति को एन वक़्त चुनाव से पहले बना कर क्या IT विभाग अपने पूरे जोश के साथ काम कर पाएगा जहां तक सवाल विधानसभा 2022 का कोरोना के बाद सोशल मीडिया एक बड़ी ताकत के रूप में उभरा है और 2022 विधानसभा में एक महत्त्वपूर्ण भूमिका अदा करेगा क्या इस मुख्यमंत्री के चेहरे की खीच-तान से कांग्रेस संगठित होकर मिशन 2022 फतेह कर पायेगी ।

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