देहरादून: उत्तराखंड आपदा आने के बाद वाडिया के 5 वैज्ञानिकों ने रैणी गांव के ऊपर जो ग्लेशियर टूटा वहां जाकर रिसर्च किया। वाडिया हिमालयन भू विज्ञान संस्थान के निदेशक डॉक्टर कालाचांद ने बताया कि वाडिया का एक दल रैणी गांव के ऊपर जो गिरीशा टूटा था, उसका हेलीकॉप्टर और स्थलीय निरीक्षण वैज्ञानिकों के द्वारा किया गया। जिसमें यह अनुमान लगाया जा रहा है कि जो सैलाब 7 फरवरी को रैणी गांव के ऊपर से आई थी वह हैंगिंग ग्लेशियर के टूटने की वजह से यह घटना हुई थी।