FRAUD : देहरादून निवासी व्यवसायी को मंत्रालय में सलाहकार सदस्य बनवाने का झांसा देकर हपड़ लिए दस लाख रुपये ।

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हरिद्वार निवासी जालसाज ने खुद को उपभोक्ता खाद्य मंत्रालय में केंद्रीय राज्य मंत्री बनाते हुए बड़ा फर्जीवाड़ा किया। उसने अपनी पत्नी और ड्राइवर संग मिलकर देहरादून निवासी व्यवसायी को मंत्रालय में सलाहकार सदस्य बनवाने का झांसा देकर दस लाख रुपये हपड़ लिए। पीड़ित ने इसकी पुलिस को शिकायत दी। मुकदमा दर्ज नहीं होने पर न्यायालय में अपील की गई। न्यायालय के आदेश पर शहर कोतवाली पुलिस ने आरोपी दंपति और अन्य के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। अवनीश कौशिक पुत्र शिव कुमार शर्मा निवासी लोहियापुरम, एमडीडीए कॉलोनी, त्यागी रोड देहरादून ने कोर्ट में प्रार्थना पत्र दाखिल किया था।

कोर्ट ने 156 (3) के तहत कौशल कुमार पुत्र कमलेश कुमार निवासी शिवालिक नगर बीएचईएल हरिद्वार उनकी पत्नी संगीता और ड्राइवर राममूर्ति शुक्ला निवासी हरिद्वार के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया। शहर कोतवाल एसएस नेगी ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। न्यायालय को अवनीश कौशिक ने बताया कि साल 2019 में ट्रांसपोर्ट का काम करने वाले अपने दोस्त रवि के जरिए वह कौशल कुमार से मिले। कौशल कुमार ने उनको बताया कि वह हरिद्वार के ही रहने वाले है।

कई फैक्ट्रियों के मालिक है और उपभोक्ता खाद्य मंत्रालय में भारत सरकार की ओर से राज्यमंत्री है। इसके बाद कई महीनों तक एक दूसरे से मेल मुलाकात होती रही। आरोप है कि कौशल कुमार ने अवनीश कौशिक से कहा कि वह उनको उपभोक्ता खाद्य मंत्रालय भारत सरकार की ओर से सलाहकार सदस्य बनवा सकता है। विश्वास दिलाया कि वह राज्यमंत्री है और इतनी पावर है कि किसी भी पद पर नियुक्त कर सकता है। बातों पर विश्वास कर लिया।

इस काम में पन्द्रह लाख रुपये का खर्चा बताया। छह जनवरी 2020 को पांच लाख रुपये लेने के बाद विभाग के लेटर हैड पर रसीद तैयार कर दी गई। अवनीश कौशिक ने बताया कि उनका बिल्डिंग मैटेरियल सप्लायर का काम है। राजनीति से उनका कोई वास्ता नहीं रहा है। कौशल कुमार ने कई मंत्रियों से भी करीबी होते उन्हें मिलवाया गया। कौशल कुमार की पत्नी संगीता और ड्राइवर राममूर्ति भी कई बार उनके घर आए और विश्वास दिलाते हुए षड्यंत्र के तहत पूरी रकम देने का दबाव बनाया गया।

सदस्यता के बारे में पूछा गया तो फाइल विभाग में होने की बात कही गई। 18 जुलाई 2019 को पांच लाख रुपये और दिए गए। न्यायलय में अपील करने तक ना तो विभाग की सदस्यता दिलाई गई और ना ही रकम वापस की जा रही है। पैसा मांगने पर धमकाते हुए अपनी पावर का हवाला देते कर झूठे मुकदमा दर्ज करवाने की धमकी दी जा रही है। बताया गया है कि आरोपी के खिलाफ हरिद्वार मे कई फर्जीवाड़े व चेक बाउंसिंग के मुकदमे चल रहे है।

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