रिपोर्ट ललित जोशी
एंकर। जनपद नैनीताल के रामनगर में एक बडा मामला सामने आया है। जहां पर डीजीपी उत्तराखंड , उपाधयक्ष राज्य महिला आयोग को भेजे एक ज्ञापन में राज्य महिला आयोग की पूर्व उपाध्यक्षा अमिता लोहनी पर रामनगर की ही रहने वाली एक पीडि़त महिला ने गंभीर आरोप लगाए हैं। रामनगर कोतवाल अबुल कलाम के माध्यम से डीजीपी उत्तराखंड को भेजे ज्ञापन में पीडित महिला ने कहा है कि उसका अपने पति और परिजनों से पारिवारिक विवाद हुआ था। जिसको लेकर महिला और उनके पति महिला आयोग की पूर्व उपाध्यक्षा के पास गये। जहां उन्होंने 13 हजार रूपये लेकर दोंनों पक्षों का स्टांप पर तलाक करवा दिया और महिला से कहा कि अब कोई कानूनी कार्यवाही नहीं होगी। लेकिन इसके बावजूद कुछ दिनों बाद महिला को माननीय न्यायालय से कानूनी नोटिस प्राप्त हो गया।
महिला ने यह कहा है कि स्टांप पर यह लिखवाया गया कि महिला लिव-इन में रह रही थी, जबकि पीडित महिला का कहना है कि उसने मंदिर में कई लोगों की मौजूदगी में विवाह किया था। महिला का कहना है कि उसकी शादी रामनगर के गुलरसिद्ध मंदिर में हुई थी। जिसमें कई गणमान्य लोग मौजूद थे। वहीं कानूनविदों का कहना है कि तलाक करवाने का अधिकार केवल न्यायालय को है, स्टांप पर कोई तलाक वैध नहीं है। जिसको लेकर पीडित महिला ने आज रामनगर कोतवाल अब्दुल कलाम के माध्यम से डीजीपी उत्तराखंड, उपाध्यक्ष महिला आयोग , सचिव महिला कल्याण, एस एस पी नैनीताल को उक्त प्रकरण को लेकर ज्ञापन भेजा है। कोतवाल अब्दुल कलाम ने कहा है कि उन्हें ज्ञापन प्राप्त हुआ है। पुलिस अपने स्तर से जाँच करेगी।
बाइट पीड़ित ।